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वेंकैया नायडू की विदाई पर भावुक हुए पीएम मोदी, बोले- आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं

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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को आज सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में संसद के उच्च सदन राज्यसभा में विदाई दी गई । नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने अपने विदाई भाषण में कहा यह इस सदन के लिए बहुत ही भावुक क्षण है। सदन के कई ऐतिहासिक क्षण आपकी गरिमामयी उपस्थिति से जुड़े हैं।

आपने कभी किसी काम को बोझ नहीं समझा
पीएम मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति के रूप में आपकी गरिमा और निष्ठा को सबने देखा है, मैंने आपको अलग अलग जिम्मेदारियों में बड़ी लगन से काम करते हुए देखा है। आपने हमेशा युवाओं के लिए काम किया, उनका मार्गदर्शन किया। आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है। मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि अगर हमारे पास देश के लिए भावनाएं हों, बात कहने की कला हो, भाषा की विविधता में आस्था हों तो भाषा, क्षेत्र हमारे लिए कभी भी दीवार नहीं बनती हैं ये आपने सिद्ध किया है। व्यक्तिगत रूप से मेरा ये सौभाग्य रहा है कि मैंने बड़े निकट से आपको अलग अलग भूमिकाओं में देखा है। आपकी बहुत सारी भूमिकाएं ऐसी भी रही, जिसमें आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है।

पीएम मोदी ने कहा कि अनेक बार आप कहते रहे हैं कि मैं राजनीति से रिटायर हुआ हूं लेकिन सार्वजनिक जीवन से नहीं थका हूं। आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा। हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा। पीएम ने कहा कि हम इस बार ऐसा स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, अध्यक्ष और प्रधान मंत्री वे सभी लोग हैं जो स्वतंत्र भारत में पैदा हुए थे और ये सभी बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि से हैं। मुझे लगता है कि इसका प्रतीकात्मक महत्व है।

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नेशनल

World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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