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पीएम मोदी ने किया महाराजा सुहेलदेव स्मारक का शिलान्यास, कही ये बात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिलांयास किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा कि ये आधुनिक और भव्य स्मारक, ऐतिहासिक चित्तौरा झील का विकास, बहराइच पर महाराजा सुहेलदेव के आशीर्वाद को बढ़ाएगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा कि अपने पराक्रम से मातृभूमि का मान बढ़ाने वाले, राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव की जन्मभूमि और ऋषि मुनियों ने जहां तप किया, बहराइच की इस पुण्यभूमि को मैं नमन करता हूं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बसंत पंचमी का शुभ दिन है, ऐसे में मेरी प्रार्थना है कि हर देशवासी को मां सरस्वती का आशीर्वाद मिले।
पीएम मोदी ने यहां कहा कि महाराजा सुहेलदेव के नाम पर जो मेडिकल कॉलेज बना है, उससे लोगों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में वो स्थान नहीं मिला जिसके वो हकदार थे। उन्होंने कहा कि देश का इतिहास वो नहीं है जो भारत को गुलाम बनाने वाले और गुलामी की मानसिकता रखने वाले लोगों ने लिखा है।
इतिहास वो भी है तो लोककथाओं के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है। आजादी के सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस और डॉ. भीमराव आंबेडकर को उचित सम्मान नहीं दिया गया। हमारी कोशिश है कि हम देश के इन महापुरुषों का सम्मान करें।
पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, आजाद हिंद फौज को कभी भी वैसा सम्मान नहीं दिया गया। देश की 500 से अधिक रियासतों को एक करने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ क्या हुआ, वो हर कोई जानता है। हमारी सरकार ने सरदार पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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