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प्रादेशिक

महोबाः पीएम मोदी ने किया उज्जवला 2.0 का वर्चुअल शुभारंभ

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के महोबा से उज्‍जवला 2.0 का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि अब गैस कनेक्शन के लिए एड्रेस प्रूफ की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उन्होंने कहा बुंदेलखंड सहित पूरे यूपी और दूसरे राज्यों के हमारे अनेक साथी, काम करने के लिए गांव से शहर जाते हैं, दूसरे राज्य जाते हैं। लेकिन वहां उनके सामने एड्रेस के प्रमाण की समस्या आती है। ऐसे ही लाखों परिवारों को उज्‍जवला 2.0 योजना सबसे अधिक राहत देगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे श्रमिक साथियों को एड्रेस के प्रमाण के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है। सरकार को आपकी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है। आपको अपने पते का सिर्फ एक सेल्फ डेक्लेरशन, यानि खुद लिखकर देना है और आपको गैस कनेक्शन मिल जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्रनिर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी। इसलिए, बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है।

कहा कि आज उज्‍जवला योजना के दूसरे चरण की शुरूआत भी वीर भूमि महोबा से हो रही है। आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान को याद कर रहा हूं। मेजर ध्यान चंद, हमारे दद्दा ध्यानचंद। देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए हैं।

बीते साढ़े 7 दशकों की प्रगति को हम देखते हैं तो हमें जरूर लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था। घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल, स्कूल, ऐसी अनेक मूल आवश्यकताएं हैं, जिनकी पूर्ति के लिए दशकों का इंतजार देशवासियों को करना पड़ा।

गरीब के घर का चूल्हा हमेशा जलता रहे। जितनी भी योजनाएं हैं, उन सभी का लाभ गरीबों को मिलता रहे। आज आप सभी माताओं-बहनों से बात करने का मौका मिला। मुझे खुशी है थोड़े दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है। मुझे पहले ही आप सभी बहनों से बात करके आपका आशीर्वाद प्राप्त हुआ है।

उज्‍जवला योजना ने देश की जितनी महिलाओं का जीवन रोशन किया है वो अभूतपूर्व है। ये योजना 2016 में मंगल पांडे की धरती बलिया से शुरू हुई थी।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि उज्‍जवला योजना के तहत उत्तर प्रदेश में डेढ़ करोड़ नए कनेक्शन दिए गए हैं। पेट्रोलियम मंत्री ने कि उज्‍जवला 2.0 की शुरूआत महोबा की वीर भूमि से हो रही है।

उन्होंने कहा उज्‍जवला योजना महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाएगी। यह योजना महिलाओं के जीवन को उज्‍जवल कर रही है। उनका सामाजिक और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। उज्‍जवला योजना में प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। 2016 में 55 फीसद लोगों के पास कनेक्शन थे आज सभी के पास हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि उज्‍जवला योजना के जरिए उत्तर प्रदेश की महिलाओं के जीवन में नया सवेरा हुआ है। पीएम मोदी की इस योजना से करोड़ों महिलाओं का जीवन बदल गया है। आज से छह वर्ष पूर्व बलिया की धरती से उज्‍जवला योजना को शुरू किया था, इस योजना ने सभी नागरिकों के जीवन मे बदलाव लाने का कार्य किया। पहले चरण में डेढ़ करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिला।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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