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पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक, रद्द की फिरोजपुर रैली
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा में बड़ी चूक होने के बाद पंजाब के फिरोजपुर शहर का अपना दौरा रद्द कर दिया, जहां उन्हें 42,750 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करना था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कार्यक्रम स्थल से घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ कारणों से रैली को संबोधित नहीं कर पाएंगे।
पीएम मोदी की पंजाब यात्रा पर गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, आज सुबह पीएम बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते पीएम ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया।
जब मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो यह तय किया गया कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करेंगे, जिसमें 2 घंटे से अधिक समय लगेगा। उन्होंने डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यक पुष्टि के बाद सड़क मार्ग से यात्रा की।
हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किमी दूर, जब पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। पीएम 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। यह पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक थी।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार, उन्हें लॉजिस्टिक, सुरक्षा के साथ-साथ एक आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी होती है। साथ ही, आकस्मिक योजना को देखते हुए, पंजाब सरकार सड़क मार्ग से किसी भी आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी पड़ती है, जिसे स्पष्ट रूप से तैनात नहीं किया गया था।
इस सुरक्षा चूक के बाद, बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस जाने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा में गंभीर चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद मोदी की यह राज्य की पहली यात्रा थी।
इससे पहले, राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बठिंडा में हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को वर्चुअली कार्यक्रमों को संबोधित करना था। मनप्रीत बादल ने ट्वीट किया, पंजाब सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का पंजाब के आधिकारिक दौरे पर स्वागत है।
अपनी यात्रा से कुछ घंटे पहले, मोदी ने ट्वीट किया, मैं आज पंजाब की अपनी बहनों और भाइयों के बीच रहने के लिए उत्सुक हूं। फिरोजपुर में एक कार्यक्रम में 42,750 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखी जाएगी, जो लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा।
मोदी को पाकिस्तान की सीमा से लगे इस शहर में प्रमुख धार्मिक केंद्रों और तीन स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंच बढ़ाने के लिए दो मेगा रोड कॉरिडोर सहित 42,750 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखनी थी।
रोड कॉरिडोर में से एक राष्ट्रीय राजधानी से पंजाब में धार्मिक स्थलों, अमृतसर और सुल्तानपुर लोधी और जम्मू और कश्मीर के कटरा में श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ तक यात्रा के समय को 12 घंटे से आधा कर देगा।
राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से करीब 260 किलोमीटर दूर हुसैनीवाला में स्मारक पर स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री को आधारशिला रखनी थी और एक जनसभा को संबोधित करना था। मोदी आखिरी बार मार्च 2015 में हुसैनीवाला गए थे, जहां 23 मार्च, 1931 को लाहौर में फांसी के बाद तीनों स्वतंत्रता सेनानियों का अंतिम संस्कार किया गया था।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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