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करियर

प्रशांत कुमार मिश्रा बने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, CJI ने आज दिलवाई शपथ

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Prashant Kumar Mishra became Supreme Court judge

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नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कल गुरुवार को इसकी घोषणा की थी। दो नए जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनकी सिफारिश के 48 घंटे के भीतर हुई है।

जस्टिस मिश्रा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पहले ऐसे वकील हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया जाएगा। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे अरूप कुमार गोस्वामी को दो साल पहले जब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का नया चीफ जस्टिस बनाया, तब यहां हाईकोर्ट में सीनियर जस्टिस प्रशांत मिश्रा कार्यवाहक चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

उसी समय उन्हें चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी की जगह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था जहां उन्होंने दो साल अपनी सेवाएं दीं।

सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम ने उनके नाम की मंजूरी दे दी और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा की गई। प्रशांत मिश्रा को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पद की शपथ दिलवाई।

1987 में बने अधिवक्ता

29 अगस्त 1964 में जन्मे प्रशांत कुमार मिश्रा छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बीएससी के बाद गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने रायगढ़ जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। सन् 1987 में वे अधिवक्ता बने।

2 साल रहे छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चेरयमैन

प्रशांत मिश्रा ने शुरुआती दिनों में जिला न्यायालय रायगढ़, जबलपुर स्थित उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश में वकालत की। साल 2005 में वे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सीनियर वकील बनें। इतना ही नहीं, मिश्रा 2 साल तक छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चेरयमैन भी रह चुके हैं।

2021 में बने थे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

साल 2007 में महाधिवक्ता नियुक्त होने के बाद मिश्रा को 10 दिसंबर 2009 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में, उन्होंने 13 अक्टूबर 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

13 वर्षों तक किया काम

न्यायमूर्ति मिश्रा ने 13 वर्षों से अधिक समय तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम किया। वह उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या 21 पर हैं। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति मिश्रा ने कानून के विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किए। उनके निर्णय कानून और न्याय से संबंधित व्यापक मुद्दों को कवर करते हैं।

पिछले साल रहे चर्चा में रहे

मिश्रा पिछले साल काफी चर्चा में रहे थे, जब उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने आंध्र प्रदेश सरकार की एक योजना को खारिज कर दिया था। दरअसल, 2019 में सत्ता में आने के बाद वाईएसआरसी की अगुवाई वाली आंध्र प्रदेश सरकार तीन राजधानियां बनानी चाहती थी। वह अमरावती, विशाखापत्तनम और कुरनूल के बीच राजधानी को विभाजित करना चाहती थी। इस पर मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी घोषित किया था।

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उ.प्र.पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने जारी किया 2024 कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट

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लखनऊ। उ.प्र.पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने लंबे समय से प्रतीक्षारत एग्जाम के रिजल्ट की घोषणा कर दी है। जो उम्मीदवार इस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना परिणाम चेक कर सकते हैं। जानकारी दे दें कि इस भर्ती के लिखित परीक्षा में कुल वैकेंसी के ढाई गुना 1,74,316 उम्मीदवार सफल हुए हैं। रिजल्ट के साथ ही कटऑफ भी जारी किया गया है, जिसमें अनारक्षित वर्ग का कटऑफ 214.04644 है।

अब आगे क्या होगा?

पास उम्मीदवारों का फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन जनवरी 2025 के तीसरे हफ्ते में आयोजित होगा। यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में करीबन 48 लाख रजिस्टर थे जिसमें से लगभग 32 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। गौरतलब है कि यूपी पुलिस कांस्टेबल के लिए लिखित परीक्षा 23, 24, 25 अगस्त और 30, 31 अगस्त को आयोजित की गई थी।

जारी की गई थी आंसर-की

इससे पहले 30 अक्टूबर को, बोर्ड ने फाइनल आंसर-की जारी की थी, जो 9 नवंबर तक uppbpb.gov.in पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध थी। बोर्ड ने इस दौरान 70 आपत्तियों को सही माना था।

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