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विदेशी धरती पर भारत के राष्ट्रदूत हैं प्रवासी भारतीय: पीएम मोदी
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में चल रहे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने आज सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 70 देशों से 3500 से अधिक प्रवासी भारतीय हिस्सा ले रहे हैं।
आप जहां रहते हैं, भारत को साथ रखते हैं
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि बुजुर्गों को उनके लाइफ, स्ट्रगल, अचीवमेंट्स को डॉक्युमेंट करना चाहिए। बुजुर्गों के पास उस जमाने की मेमोरीज होंगी। यूनिवर्सिटियों के माध्यम से हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री पर डॉक्युमेंटेशन के प्रयास किए जाए। कोई भी राष्ट्र, उस पर निष्ठा रखने वाले के दिल में जीवित रहता है।
जब कोई भारत का व्यक्ति विदेश जाता है और वहां कोई भारतीय मिल जाता है तो उसे लगता है कि पूरा भारत मिल गया। आप जहां रहते हैं, भारत को अपने साथ रखते हैं। बीते आठ वर्षों में देश ने अपने डायस्पोरा को ताकत देने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा है। अपनों के आमने-सामने की मुलाकात का, आमने-सामने की बात का अलग ही आनंद होता है। अलग ही महत्व होता है। यहां काफी कुछ है, जो इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। पास ही में महाकाल के महालोक का दिव्य और भव्य विस्तार हुआ है। आशा करता हूं कि आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे।
अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे। वैसे हम सभी जिस शहर में है, वह भी अपने आपमें अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है। मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है। यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है। फिर भी विरासत को समेटे रहता है।
उन्होंने कहा इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में अलग पहचान साबित की है। खाने-पीने के लिए अपन का इंदौर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लाजवाब है। यहां पोहे का पैशन, कचोरी, समोसे, शिकंजी… जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका।
जिसने इसे चखा, उसने कहीं मुडकर नहीं देखा। 56 दुकान, सराफा प्रसिद्ध है ही। कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे यकीन है कि आप यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे। औरों को भी यहां आने को भेजेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की व्यवस्था में भारत का महत्व आपकी वजह से बढ़ा है। साथियों, हमारे यहां कहा जाता है कि स्वदेशों भुवनत्रयम। हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यता के समागम के महत्व को समझा।
हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदर के पार गए। व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं, यह भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती है।
उसमें वसुधैव कुटुंबकम के साक्षात दर्शन होते हैं। भारत के अलग-अलग प्रांतों, क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का अनुभव होता है। अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी होने का भारतीय गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है।
जब हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है तो उसे सशक्त और समर्थ भारत इसकी आवाज सुनाई देती है। इसलिए ही तो मैं आप सभी को सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत कहता हूं।
सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं, लेकिन आप राष्ट्रदूत हैं। आप ब्रांड एम्बेसेडर है। यह भूमिका विविधतापूर्ण है। आप मेक इन इंडिया, योग और आयुर्वेद, कॉटेज इंडस्ट्री और हैंडीक्राफ्ट के ब्रांड एम्बेसडर हैं। आप भारत के मिलेट्स के ब्रांड एम्बेसेडर है। यूनाइटेड नेशंस ने इस साल को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है। आप यहां से मिलेट्स लेकर जाइए।
मोदी ने कहा- बदलती दुनिया में आपकी भूमिका अहम है। आपको भारत के बारे में और जानना होगा। पूरा विश्व इंतजार कर रहा है और देख रह है। वह भी पूरी रुचि और जिज्ञासा के साथ। मैं यह क्यों कह रहा हूं, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विकास में जो गति प्राप्त की है, जो उपलब्धियां प्राप्त की है, वह असाधारण, अभूतपूर्व है।
जब भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों में स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है, जब 220 करोड़ वैक्सीन डोज मुफ्त लगाने का रिकॉर्ड बनाता है, जब वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्था बनता है, जब भारत विश्व की सबसे बड़ी पांच अर्थव्यवस्था में शामिल होता है,
जब भारत तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनता है, मेक इन इंडिया का डंका बजता है, जब तेजस फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट कैरियर और अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन बनाता है तो स्वाभाविक है कि लोगों में रुचि होगी।
लोग जानना चाहते हैं कि भारत की स्पीड, स्केल क्या है। भारत का फ्यूचर क्या है? इसी तरह कैशलेस इकोनॉमी की बात होती है, तो दुनिया यह देखकर हैरान है कि रियलटाइम 40% ट्रांजेक्शन भारत में होते हैं।
स्पेस के फ्यूचर की बात होती है, तो भारत की चर्चा स्पेस टेक्नोलॉजी के मोस्ट एडवांस देशों में होती है। भारत 100-100 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च कर रहा है। सॉफ्टवेयर और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारी ताकत दुनिया देख रही है। आप इसका बहुत बड़ा जरिया है।
जिज्ञासा और बढ़ेगी। विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। आपके पास भारत के बारे में जितनी व्यापक जानकारी होगी, उतना ही आप भारत के बढ़ते सामर्थ्य के बारे में बता पाएंगे। तथ्यों के आधार पर बता पाएंगे।
मेरा आग्रह है कि आपके पास कल्चरल और स्पिरिचुअल जानकारी के साथ-साथ भारत की प्रगति की अपडेटेड इंफॉर्मेशन होनी चाहिए। आप सबको यह भी पता है कि इस वर्ष भारत के जी-20 देशों के समूहों की अध्यक्षता कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को बड़े अवसर के तौर पर देख रहा है।
यह हमारे लिए दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। यह दुनिया के लिए भारत के अनुभवों से सीखने और सस्टेनेबल फ्यूचर बनाने का अवसर है। जी20 को डिप्लोमेटिक नहीं बल्कि जनभागीदारी का आयोजन बनाना है। दुनिया के देश अतिथि देवो भव का दर्शन करेंगे। आप उन्हें बता सकते हैं।
इससे उन्हें यहां आने से पहले भारत के महत्व और अपनत्व का अनुभव होगा। जी20 समिट में 200 बैठकें होंगी। अलग-अलग शहरों में जाएंगे। प्रवासी भारतीय उन्हें लौटने पर बुलाए। उनके अनुभव सुने। उनके साथ हमारे बंधन को और मजबूत करने का अवसर बन जाएगा।
आज भारत के पास नॉलेज सेंटर बनने के साथ स्किल कैपिटल बनने का अवसर है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और इमानदारी भी है। भारत की यह स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजिन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के साथ-साथ प्रवासी युवा भी है।
नई पीढ़ी के युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, हम उन्हें भी भारत को जानने-समझने के अवसर दे रहे हैं। भारत को लेकर उनका उत्साह बढ़ रहा है। वे माता-पिता के देश को जानना चाहते हैं। जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। हमयुवाओं को न केवल देश के बारे में बताए बल्कि भारत दिखाए भी।
यह युवा फ्यूचर वर्ल्ड को भारत के बारे में ज्यादा प्रभावी ढंग से बता पाएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी, भारत में पर्यटन, रिसर्च और गौरव बढ़ेगा। यह युवा भारत के विभिन्न पर्वों के दौरान, प्रसिद्ध मेलों के दौरान आ सकते हैं।
गुयाना के राष्ट्रपति ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास को सराहा
गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने मप्र और इंदौर का आभार जताया। प्रधानमंत्री मोदी का आभार, जो मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। आज का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है। मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। 107 साल पहले शारीरिक रूप से कमजोर दिखने वाले लेकिन मानसिक रूप से दृढ़ गांधी घर लौटे थे। उन्होंने देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को भी सराहा। कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। भारत प्रतिभाओं को निखारने में दुनिया में नंबर एक है। हम प्रवासियों के लिए भारत के चलाए जा रहे कार्यक्रमों से काफी कुछ सीख रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी मां को खोया है। हम उनके दुख में उनके साथ हैं। हम उनका आदर करते हैं कि उन्होंने जिस तरह अपनी जिम्मेदारी संभाली, वह तारीफ के काबिल है। वह एक सच्चे सपूत हैं।
सूरीनाम के राष्ट्रपति बोले- जननी और मातृभूमि स्वर्ग से बढ़कर
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने कहा- जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। सूरीनाम की जनता की ओर से मैं मध्यप्रदेश और भारत सरकार का आभार प्रकट करता हूं, जो आदर-सत्कार मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को मिला है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
भारत ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाया है। मैं इसकी सराहना करता हूं। अमृत काल में इस आयोजन की थीम सामयिक है। अमृत काल नए युग की शुरुआत है। अमृत हमारे पूर्वजों की सदियों की मेहनत का नतीजा है। प्रधानमंत्री मोदी, आपके नेतृत्व में जी20 निश्चित तौर पर वन प्लानेट, वन फैमिली, वन फ्यूचर की दिशा में काम करेगा। वसुधैव कुटुंबकम के लिए काम करेगा। दुनिया एक परिवार है। मानव जीवन बहुमूल्य है।
इंदौर ने दिल ही नहीं घरों के दरवाजे खोले हैं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में मप्र में अमृत वर्षा हो रही है। मप्र और इंदौर में इस बात की होड़ लगी है कि प्रवासी भारतीय मेहमान होटल में नहीं हमारे घरों में ठहरेंगे। इंदौर में एक अद्भुत उत्साह और उमंग का वातावरण है। इंदौर में झगड़ा इस बात का था कि होटल में क्यों ठहरा रहे हो?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि युद्ध नहीं शांति चाहिए। यूक्रेन और रूस का युद्ध हुआ तो हमारे मंत्री कैसे निकले। विद्यार्थी तिरंगा लेकर निकल गए। रूस की फौजें भी रूक गई। यूक्रेन भी ठिठक गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है।
शिवराज ने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पधारे सभी प्रवासी भाई-बहनों का स्वागत और अभिनंदन करता हूं। हॉल छोटा पड़ गया, लेकिन दिल में आपके लिए प्रेम और स्नेह की कोई कमी नहीं है। इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत दुनियाभर में अपना वर्चस्व स्थापित करने का लक्ष्य है।
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उत्तर प्रदेश
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।
रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।
कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ
डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।
गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद
उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान
उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”
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