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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज हिंसा: पांच फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित

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प्रयागराज। बीते 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज के अटाला में भड़की हिंसा के मामले में जिला प्रशासन सख्त रुख अपनाया है। हिंसा के बाद से फरार चल रहे पांच अभियुक्तों पर प्रयागराज के एसएसपी ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। वहीं, इस मामले में अब तक 100 से अधिक उपद्रवियों की गिरफ्तारी हो गई है। अन्य की खोज में लगातार पुलिस दबिश देने में जुटी है।

सोमवार को प्रयागराज एसएसपी अजय कुमार पांडेय ने पांच अभियुक्तों एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाह आलम, करेली के पार्षद फजल खान, पूरामुफ्ती के जिशान रहमानी, उमर खालिद और सिविल लाइंस के आशीष मित्तल पर 25-25 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है।

पांचों आरोपियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में खुल्दाबाद थाने में नामजद मामला दर्ज है। इन पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पहले ही कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी करा लिया है।

जुमे की नजाम के बाद भड़की थी हिंसा

बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के विरोध में प्रयागराज में जुमा की नमाज के बाद अटाला इलाके में बीते 10 जून को जमकर बवाल हुआ था। इस दौरान पुलिस ने हालात पर नियंत्रण पाने के लिए बल प्रयोग किया। इसके लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और हवाई फायरिंग भी की गई। इस हिंसाक घटना में पुलिस के छह जवान घायल हो गए थे।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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