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नेशनल

द्रौपदी मुर्मू के गांव उपरबेड़ा में जश्न की तैयारी, इस डिजिटल गांव में सभी का है बैंक खाता

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रायरंगपुर (ओडिशा)। झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से इस बार राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। वह ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित उपरबेड़ा गांव की रहने वाली हैं।

आज कल इस गांव में काफी हलचल है। लोग जश्न की तैयारी कर रहे हैं। युवाओं में अलग जोश नजर आ रहा है। यहां की बेटी का देश का राष्ट्रपति बनने की संभावना काफी ज्यादा है।

20 जून 1958 को द्रौपदी मुर्मू का हुआ जन्म

उपरबेड़ा गांव में 300 घर है, जिसमें लगभग 6 हजार लोग रहते हैं। यह आदिवासी बाहुल्य गांव है। आज शाम को यहां ढोल नगाड़े बजेंगे। इस गांव में ही 20 जून 1958 को बिरंची नारायण टुडू के घर पर द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था।

घर छोटा, लेकिन खूबसूरत हैं, घर पर फिलहाल कोई नहीं है। यहां मुर्मू के दो भाई रहते हैं। बड़ा भाई भगत टुडू का बेटा डुलाराम टुडा अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते हैं। इसी घर में छोटा भाई सारणी टुडू भी रहते हैं। घर में ताला लगा हुआ है और सभी दीदी के पास रायरंगपुर गए हुए हैं।

महिलाओं का मुर्मू से है गहरा जुड़ाव

उपरबेड़ा गांव की  महिलाएं द्रौपदी मुर्मू की तारीफ करती नहीं थक रही हैं। जब दैनिक जागरण की टीम गांव में पहुंचीं तो महिलाएं खिड़कियों से झांकने लगती हैं। उनके चेहरे पर खुशी के भाव साफ नजर आ रहे हैं। लगभग 50 साल की सारोमनि गिरी कहती हैं, ‘अरे द्रौपदी तो हमको काकी मां कहती है।’

बगल में खड़ी रेवती नंदी कहती हैं, ‘मुझे तो काकी मौसी कहती है। वह तो अपने घर की बेटी है। जब भी आती है, हम लोगों से मिले बिना नहीं जाती। घर में बैठकर खाना भी खाती है। काफी विनम्र स्वभाव की है द्रौपदी।’ स्कूल की ओर इशारा करते हुए कहती हैं, वो देखिए, उ उपरबेड़ा माडल उत्क्रमित प्राइमरी स्कूल है। वहीं तो पढ़ती थी हमारी द्रौपदी।’

उपरबेड़ा एक डिजिटल गांव है। हर घर में लोगों का बैंक में खाता है। खेती-बारी के लिए कर्ज घर बैठे ही मिल जाता है। सभी घरों में पानी की पाइपलाइन है, सभी घरों में शौचालय है। गरीबों के लिए पीएम आवास है। इन सबका श्रेय लोग द्रौपदी मुर्मू को देते हैं।

गांव में पहले नहीं था पुल

बात 2000 की है। गांव में आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन इसका समाधान भी द्रौपदी मुर्मू ने किया। उन्होंने 2003 में पुल बनवा दिया। अब गांव से बाहर जाने में लोगों को कोई परेशानी नहीं होती। पुल बन जाने से गांव का विकास भी खूब हुआ है।

दुनिया भर के लोग हमें जानेंगे

सत्यजीत गिरी कहते हैं, ‘अब तो हमारे गांव को भी दुनिया भर के लोग जानेंगे। द्रौपदी मुर्मू के जैसे ही राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनने की खबर मिली, मेरी हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गर्व से सीना चौड़ा हो गया।’

उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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