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प्रादेशिक

लखनऊ: शिवपुर गांव में मंदिर के पुजारी की हत्या, लूट के इरादे से वारदात का शक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शिवपुर गांव में एक मंदिर के पुजारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतक पुजारी का नाम फकीरे दास है। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मंदिर के घंटे, दानपत्र की रकम तेल और अनाज भी लूट ले गए। सुबह जब लोग मंदिर पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई, जिसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। तो वहीं पुलिस मामल की जांच पड़ताल में जुट गई है।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि आशंका है कि पुजारी ने लूट के प्रयास का विरोध किया था और बदमाशों ने ईंट से हमला कर दिया। पुजारी पिछले कुछ सालों से मंदिर में अकेले रह रहे थे।

पुलिस ने कहा, पुजारी मूल रूप से सुल्तानपुर जिले के रहने वाले थे और हमने उनके परिवार से संपर्क किया है ताकि पता चल सके कि उनकी हत्या के पीछे कोई पुराना विवाद तो नहीं था। पुलिस ने कहा कि अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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