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Pulwama Attack:वो काला दिन जब हर आंख थी नम, भारत ने गवाए थे CRPF के 40 वीर जवान
पूरी दुनिया में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है लेकिन भारत के इतिहास में ये एक काला दिन है। इस दिन भारत पर आतंक का काला साया मंडराया था। पाकिस्तान के कायर आतंकियों के एक हमले में भारत ने आज ही के दिन तीन साल पहले अपने 40 वीर जवानों को खो दिया था। आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मारी थी। इस टक्कर के बाद बस में तेज विस्फोट हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।
पुलवामा हमले के बाद देश भर में गुस्से का उबाल था। हर तरफ एक ही शोर था- अपने शहीदों के बलिदान का बदला लेना जरूरी है। देश में एक तरफ गुस्से का उबाल था तो दूसरी ओर देशवासी गमगीन भी थे। देश के अलग-अलग राज्यों में वीर सपूतों को अंतिम श्रद्धांजलि दी गई। पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में देश की सशस्त्र सेनाओं ने सीमापार से हुए इस हमले का मुहंतोड़ जवाब दिया लेकिन उन जवानों की शहादत की टीस आज भी बरकरार है।
भारत ने पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए 12 दिनों के अंदर पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। इस एयरस्ट्राइक को लेकर पुलवामा हमले के बाद से ही योजना बनाई जा रही थी। 15 फरवरी, 2019 को CCS की बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से बदला लेने को लेकर एक योजना बताई गई। इस दौरान कई विकल्पों को लेकर चर्चा हुई।
पीएम मोदी ने इस पूरे प्लान की जिम्मेदारी एननसए अजित डोभाल को दी। डोभाल के साथ उस वक्त के वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने मिलकर हमले का ब्लूप्रिंट तैयार किया। इसमें तय किया गया कि पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया जाएगा।
बालाकोट एयरस्ट्राइक में वायुसेना का अहम रोल रहा। भारत ने तय कर लिया था कि उसे किस जगह को निशाना बनाना है। एक बार जगह तय हो जाने के बाद एजेंसियों ने हमले को लेकर इनपुट निकालना शुरू किया। रॉ औऱ आईबी ने जैश के ठिकानों का सही पता लगाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही आर्मी को भी अलर्ट पर रखा गया था। एलओसी के पास इलाके में आर्मी के जवान सतर्क थे।
एयरस्ट्राइक के लिए भारतीय वायुसेना ने मिराज-2000 विमानों को चुना। एयरस्ट्राइक से 2 दिन पहले तय हुआ कि मिराज-2000 के साथ AWACS को भी तैनात किया जाएगा। इन्हें ग्वालियर बेस पर तैनात किया गया, आगरा बेस भी अलर्ट पर था। 25 फरवरी, 2019 को एयरस्ट्राइक से एक दिन पहले इस ऑपरेशन में शामिल सभी लोगों के फोन बंद कर दिए गए। पीएम मोदी, एनएसए अजित डोभाल और वायुसेना प्रमुख को हर खबर की जानकारी दी जा रही थी।
26 फरवरी, 2019 की रात मिराज-2000 विमान ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी। इस दौरान आगरा, बरेली एयरबेस को अलर्ट पर रखा गया। इसी दौरान पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम पर भी निगरानी रखी गई। भारत के 12 मिराज-2000 विमान तड़के तीन बजे पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकाने पर बम बरसाए। वायुसेना की कार्रवाई में बालाकोट स्थित जैश के आतंकी शिविर को तबाह कर दिया गया। इस हमले में सैकड़ों आतंकी मारे गए।
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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।
ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।
ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।
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