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खेल-कूद

ओलंपिक में पदक की जगी उम्मीद, पीवी सिंधु सेमीफाइनल में पहुंचीं

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नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक के 8वें दिन पीवी सिंधु ने शानदार मुकाबले में जापान की अकाने यामागुची को हरा दिया है। सिंधु ने यामागुची को सीधे गेम में 21-13, 22-20 से मात दी। कांटे का ये मुकाबला 56 मिनट तक चला। सिंधु ने ये मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है। वह मेडल से एक जीत दूर हैं।

सिंधु और यामागुची के बीच जोरदार टक्कर हुई। दोनों के बीच लंबी रैलियां हो रही थी। यामागुची सिंधु को थकाने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन भारत की बैडमिंटन स्टार ने अपना पूरा समय लिया और मैच को अपने नाम कर लिया।

बता दें, टोक्यो ओलिंपिक में महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने भारत के खाते में एक और मेडल पक्का कर दिया है। उन्होंने 69 किलो वर्ग के क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से मात दी है।

लवलीना ने इस जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है। वहीं, तीरंदाज दीपिका कुमारी महिला व्यक्तिगत का क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारकर बाहर हो गई हैं।

खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, अरेस्ट वारंट जारी

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नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को PF में धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी ने कर्मचारियों के खातों से प्रोविडेंट फंड यानी PF का पैसा तो काट लिया लेकिन उसे जमा नहीं किया। जिसके कारण से लगभग 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है। इसी वजह से 4 दिसंबर को उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। उन्हें पूरे पैसे जमा करने के लिए 27 दिसंबर तक का समय भी दिया गया। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। अब इससे पहले ही उथप्पा की तरफ से बयान सामने आया है।

रॉबिन उथप्पा ने कंपनियों को उधार दिए थे पैसे

रॉबिन उथप्पा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे खिलाफ PF मामले की हाल की खबरों सामने आने के बाद, मैं स्ट्रॉबरी लेंसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के बारे में अपनी भागीदारी के बारे में बताना चाहता हूं। मुझे 2018-19 में इन कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। क्योंकि कर्ज के तौर पर मैंने इन कंपनियों को पैसे दिए थे। मेरे पास सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटर और कमेंटेटर के रूप में काम को देखते हुए मेरे पास इसमें भाग लेने के लिए समय नहीं था। आज तक जिन अन्य कंपनियों को मैंने कर्ज दिया है। उनमें भी कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं।

 

 

 

 

 

 

 

 

ऊपर से ये कंपनिया मेरे द्वारा दिए गए उधार को चुकाने में असफल रही हैं। जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी। कई साल पहले मैंने डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जब PF अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग की, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया और बताया कि इसमें मेरी कोई भी भूमिका नहीं है। इसके बाद कार्यवाही जारी है। मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामलों को सुलझाने के लिए कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वे कृपया पूरे तथ्य पेश करें।

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