उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में रेलवे तैयार कर रहा है 25 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए आश्रय स्थल
प्रयागराज। सनातन आस्था के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य बनाने की कवायद जोरों पर है। मेला प्राधिकरण इस महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान व्यक्त कर रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रेनों के ज़रिये प्रयागराज पहुंच सकते हैं। इस बार लगभग 10 करोड़ लोगों के ट्रेन के जरिये महाकुंभ में पहुचंने का अनुमान है। रेलवे एनसीआर के प्रयागराज मण्डल ने स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट को लेकर रोडमैप तैयार कर लिया है। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगभग 25000 यात्रियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण अंतिम दौर में है।
तैयार किया गया रोडमैप
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज सिटी में 9 रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के आवागमन की तैयारियां चल रही हैं। क्राउड मैनेजमेंट को लेकर महाकुंभ रेलवे नोडल डिविजन प्रयागराज मण्डल ने रोडमैप तैयार कर लिया है। रेलवे प्रयागराज मण्डल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रति घंटे 50 हजार यात्रियों की दर से उनके गंतव्य स्टेशनों की ओर रवाना करने की योजना बनायी गई है। इसके साथ ही लगभग 25000 श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 10 आश्रय स्थलों को भी तैयार किया जा रहा है। जिनमें से 4 आश्रय स्थल प्रयागराज जंक्शन पर, 3 नैनी जंक्शन, 2 छिवकी स्टेशन और 1 सूबेदारगंज स्टेशन पर बनाए जा रहे हैं। ये आश्रय स्थल 2019 के कुंभ में अस्थाई टिकट घर व शौचालय की सुविधाओं के साथ बनाये गये थे। महाकुंभ 2025 में इनका पुनर्निर्माण कर संचालित करने का कार्य चल रहा है। छिवकी स्टेशन पर 1 नया आश्रय स्थल भी बनाया जा रहा है।
आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग
पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि क्राउड मैनेजमेंट के लिए अलग-अलग गंतव्य स्टेशनों के मुताबिक यात्रियों को अलग-अलग रंग के आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा। इन आश्रय स्थलों में उनके स्टेशनों की ओर जाने वाली गाड़ियों की घोषणा के साथ रेलवे प्रशासन उन्हें सही ट्रेन तक पहुचांने का भी प्रयास करेगा। इसके लिए आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग, जाने वाली ट्रेनों की दिशा के मुताबिक की गई है। लखनऊ और बनारस जाने वाले यात्रियों को लाल रंग के आश्रय स्थल, कानपुर के लिए हरे रंग का, जबकि सतना, मानिकपुर, झांसी की ओर जाने वालों को पीले रंग के आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा। अलग-अलग स्टेशनों पर आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग थोड़ी अलग-अलग भी है, जिसकी जानकारी स्टेशनों पर लगी रहेगी। इसके साथ ही आरछित श्रेणी के यात्रियों के लिए अलग से भी अस्थाई आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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