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राजपथ का नाम अब कर्तव्यपथ, NDMC ने नाम बदलने को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। राजपथ का नया नाम अब ‘कर्तव्यपथ’ होगा। NDMC (नई दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन) की बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। खास बात है कि 26 जनवरी परेड का गवाह बनने वाले राजपथ का नाम पहले किंग्सवे था। यह गणतंत्र दिवस पर परेड विजय चौक से इंडिया गेट तक की दूरी तय करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल गुरुवार शाम नए राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का शुभारंभ करने जा रहे हैं। अब नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक जाने वाली सड़क और पूरा इलाका कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री आवास मार्ग का नाम भी रेस कोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था।

15 अगस्त को दिए भाषण में पीएम मोदी ने औपनिवेशिक मानसिकता को दिखाने वाले चिह्नों को खत्म करने की बात पर जोर दिया था। केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा को लेकर तैयार की गई व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में राजपथ और इंडिया गेट लॉन्स शामिल हैं।

राजपथ का इतिहास

ऐतिहासिक राजपथ मार्ग राष्ट्रपति भवन से विजय चौक और इंडिया गेट तक जाता है और पुराना किले पर खत्म होता है। 20वीं सदी की शुरुआत में इसका नाम किंग जॉर्ज पंचम के नाम पर किंग्सवे कर दिया गया था। वह 1911 में दिल्ली दरबार के दौरान दिल्ली आए थे और कलकत्ता के स्थान पर दिल्ली को राजधानी बनाया गया था।

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नेशनल

World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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