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नेशनल

बाल संत अभिनव अरोड़ा को रामभद्रचार्य महाराज ने मंच से उतारा,कहा -मूर्ख

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नई दिल्ली। अभिनव अरोड़ा इस समय चर्चा में बने हुए हैं। उनके चर्चा में बने रहने का कारण रामभद्रचार्य महाराज द्वारा मंच से नीचे उतारने का है। वहीं, रामभद्राचार्य ने अभिनव अरोड़ा को मूर्ख भी कहा है। मंच से उतारने का अभिनव अरोड़ा का यह वीडियो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में रामभद्राचार्य महाराज अभिनव अरोड़ा को उस समय मंच से उतारते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिस समय अभिनव अरोड़ा राम नाम का जयकारा लगाते हैं। वहीं, 26 अक्टूबर को सुल्तानपुर कार्यक्रम में पहुंचे रामभद्राचार्य महाराज ने वायरल वीडियो पर कहा कि वो मूर्ख है। कहता है कि भगवान कृष्ण उसके साथ पढ़ते थे। उसको तो शिष्टता से बात तक करनी नहीं आती है। भगवान क्या उसके साथ पढ़ेंगे। मैंने उसको वृंदावन में भी बहुत डांटा था।

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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