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टूटी-फूटी हिंदी में रतन टाटा ने दी भावुक कर देने वाली स्पीच, खुद पीएम ने बजाई ताली

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असम में कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन के मौके पर रतन टाटा ने बेहद भावुक स्पीच दी। अपनी स्पीच की शुरुआत अंग्रेजी से करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी जिंदगी के आखिरी साल स्वास्थ्य को समर्पित कर रहे हैं। उनकी आवाज में एक थरथराहट थी और वे रुक-रुककर बोल पा रहे थे।

अंग्रेजी में स्पीच देते हुए उन्होंने हिंदी में बात न कर पाने के लिए माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि मैं हिंदी नहीं बोल पाऊंगा, इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा। लेकिन मैं जो भी बोलूंगा, वह सीधे मेरे दिल की बात है। हालांकि इसके बाद उन्होंने हिंदी में भी बात करके सभी का दिल जीत लिया। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी ताली बजाकर उनके स्पीच की प्रशंसा की।

उनके साथ मंच पर पीएम मोदी, राज्य के CM हेमंत बिस्वा सरमा और पूर्व CM सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने असम के लिए 7 नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी और 6 कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया।

नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बड़ी समस्या

असम में कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन के मौके पर PM मोदी, CM हेमंत बिस्वा सरमा और रतन टाटा।

कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान PM मोदी ने कहा कि असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे सबसे अधिक हमारे गरीब और मिडिल क्लास परिवार प्रभावित होते हैं।

कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक यहां के पेशेंट्स को बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इससे इन परिवारों पर भारी बोझ पड़ता था। इसे दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से जो कदम यहां उठाए गए हैं, उसके लिए मैं सर्वानंद सोनोवाल जी, हेमंता जी और टाटा ट्रस्ट को बहुत साधुवाद देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का फोकस स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन का है। सरकार की कोशिश है कि इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति हो, इलाज के नाम पर होने वाले दिक्कतों से मुक्ति मिले। इसके लिए एक के बाद एक योजनाएं लागू की गई हैं।

अस्पताल आपकी सेवा के लिए हैं, लेकिन मुझे खुशी तब होगी जब ये खाली ही रहें। मैं असम के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। हमारी सरकार का फोकस योगा, फिटनेस और स्वच्छता पर है। हेल्थ चेकअप के लिए देशभर में नए टेस्टिंग सेंटर्स खोले जा रहे हैं।

नेशनल

ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ चलाया बड़ा ऑपरेशन, 14 से अधिक के मारे जाने की सूचना

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ओडिशा। ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन में अहम सफलता हाथ लगी है। खबरों के अनुसार, इस मुठभेड़ में 14 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है। छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक, यह मुठभेड़ गरियाबंद जिले के पास स्थित छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर हुई है और ऑपरेशन अभी भी जारी है।

ऑपरेशन का विस्तार

सुरक्षाबलों का यह ऑपरेशन 24 घंटे से ज्यादा समय से जारी है। ऑपरेशन की शुरुआत 19 जनवरी को रात में हुई थी, जब सुरक्षाबलों को नक्सलियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद से मुठभेड़ लगातार जारी है। सोमवार को एक महिला नक्सली के मारे जाने की खबर मिली थी, और इसी दिन सीआरपीएफ के एक जवान को भी चोटें आई थीं।

मुठभेड़ में मारे गए नक्सली

मंगलवार सुबह हुई मुठभेड़ में 14 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। पुलिस के अनुसार, इस मुठभेड़ में कई प्रमुख नक्सली नेताओं के मारे जाने की संभावना है। सुरक्षाबलों को मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोलाबारूद और एक ‘सेल्फ लोडिंग’ राइफल मिली है, साथ ही बारूदी सुरंग का भी पता चला है।

ऑपरेशन में कौन-कौन शामिल है?

इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ और ओडिशा की पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम शामिल है। छत्तीसगढ़ से जिला रिजर्व गार्ड (DRG), सीआरपीएफ और ओडिशा से स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (SOG) की टीमों ने इस अभियान में भाग लिया है। इन बलों ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है।

मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अभी भी ऑपरेशन जारी है, और मारे गए नक्सलियों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। रायपुर क्षेत्र के पुलिल IG अमरेश मिश्रा ने बताया कि इस मुठभेड़ में कई शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने की संभावना है। सुरक्षाबल इस ऑपरेशन को तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं ताकि नक्सलियों के प्रभाव को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।

 

 

 

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