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प्रादेशिक

यूपी में एक दिन में 3 लाख से अधिक किए गए टेस्ट, ऐसा करने वाला बना पहला राज्य

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए चलाये जा रहे एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट अभियान का स्थलीय निरीक्षण कर रहे है। मुख्यमंत्री जी द्वारा आज कानपुर नगर एवं इटावा जनपदों के भ्रमण के दौरान गांव में जा कर कोविड-19 के अभियान को देखने के साथ साथ जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विगत एक सप्ताह से टेस्टिंग में निरन्तर वृद्धि की जा रही है। जिसके क्रम में कल प्रदेश  एक दिन में 3 लाख से अधिक टेस्ट किये गये, ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य है। इसके साथ ही 4.50 करोड़ से अधिक टेस्ट करने में भी उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है। प्रदेशव्यापी आंशिक कोरोना कर्फ्यू के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आंशिक कोरोना कर्फ्यू में वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों, मेडिकल सम्बन्धी कार्य आदि आवश्यक अनिवार्य सेवाओं को यथावत जारी रखा गया है। आंशिक कोरोना कर्फ्यू की अवधि में पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फाॅगिंग अभियान चलाया जा रहा है।

श्री सहगल ने बताया कि 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये है कि हर जिले में न्यायिक अधिकारियों एवं पत्रकारों के लिए वैक्सीनेशन कैम्प लगाये जाये। उन्होंने बताया कि आयुष विभाग द्वारा लगभग 10 हजार से अधिक आयुवेदिक, 38 हजार होम्योपेथिक, 2 हजार यूनानी तरीकों से उपचार किया गया है। लगभग 1 लाख 40 हजार आयुष कीट तथा लगभग 1 लाख 53 हजार आयुष काढ़ा का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 11 लाख आयुवेदिक, होम्योपेथिक तथा यूनानी पद्धतियों की विभिन्न प्रकार की औषधियों का वितरण किया गया है।

श्री सहगल ने बताया कि  सर्विलान्स के साथ-साथ गाँव में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। निगरानी समितियों के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। गाँव में संक्रमणयुक्त लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन/स्कूल/सरकारी इमारतों मंे आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है। 31 मार्च से अब तक लगभग 70 प्रतिशत कोविड-19 टेस्ट ग्रामीण क्षेत्र में किये गये है। उन्होंने बताया कि सर्विलान्स के  माध्यम से प्रदेश की 24 करोड़ जनसंख्या में से लगभग 17 करोड़ लोगों से उनका हालचाल लिया गया है।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित कराने हेतु 485 आक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गये है। जिसमें 258 प्लांट की बनने की प्रक्रिया चालू हो गयी है तथा 32 प्लांट क्रियाशील हो गये है। 90 प्रतिशत से अधिक प्लांट वातावरण से आक्सीजन बनाने वाले प्लांट है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर में बच्चो के स्वास्थ्य सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने के उद्देश्य से सभी जिला अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू को तैयार कराये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कालेजों में 100-100 बेड बनाने का कार्य प्रारम्भ हो गया है। जनपद के अस्पतालों में 20-20 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किया जायेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 34,785 कन्टेनमेंट जोन है। इन कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति डोर टू डोर की जा रही है।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी, पटरी, ठेला, श्रमिकों, पल्लेदार आदि लोगों को लगभग 400 से अधिक सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें सरकारी तथा एनजीओ द्वारा संचालित सामुदायिक किचन हैं। मुख्यमंत्री जी द्वारा संगठित तथा असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों, शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले, ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को एक माह के लिए 1000  रुपये का भरण पोषण भत्ता दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहूं क्रय अभियान में अब तक 06 लाख अधिक से किसानों से 32,41,364.26 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में टेस्टिंग कार्य करते हुए, टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। गत एक दिन में कुल 3,06,548 सैम्पल की जांच की गयी है। जिसमें 1 लाख 30 हजार से अधिक टेस्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से की गयी है तथा 1,18,346 सैम्पल जनपदों से टेस्टिंग के लिए भेजे गये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 से ठीक होने का प्रतिशत 93.20 हो गया है। प्रदेश में अब तक कुल 4,64,19,134 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 6,046 नये मामले आये है जो 24 अप्रैल के मामलों से 84.20 प्रतिशत कम है। 17,540 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं। अब तक 15,51,716 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 94,482 एक्टिव मामलों है जो 30 अप्रैल के कुल एक्टिव मामलों से 69.60 प्रतिशत कम है।

श्री प्रसाद ने बताया कि सर्विलांस की कार्यवाही निरन्तर चल रही है। प्रदेश में अब तक सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,82,344 क्षेत्रों में 6,30,284 टीम दिवस के माध्यम से 3,52,99,749 घरों के 16,98,73,449 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। अब तक 1,27,26,977 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई तथा पहली डोज वाले लोगों में से 33,32,714 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। इस प्रकार कुल 1,60,59,691 वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 23 जनपदों में 18 से 44 वर्ष के आयुवर्ग को वैक्सीन लगायी जा रही है।

श्री प्रसाद ने बताया कि गांव में निगरानी समितियों द्वारा लोगों के घर-घर जाकर कोविड लक्षण की जानकारी की जा रही है। इस अभियान के तहत निगरानी समिति गांव में पहुँचकर लोगों से कोविड लक्षण की जानकारी ले रही है। गांवों में संक्रमण न फैले इसके लिए ग्राम निगरानी समितियों को और सतर्क एवं सावधान रहने के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन अवश्य करें।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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