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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश में रेत माफिया के गुर्गों ने ट्रैक्टर से कुचलकर की ASI की हत्या

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भोपाल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में रेत माफिया के गुर्गों ने ट्रैक्टर से कुचलकर एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) की हत्या कर दी।घटना ब्यौहारी थाना क्षेत्र के बड़ौली गांव के हेलीपैड के पास शनिवार की देर रात की है।

ASI महेंद्र बागरी 2 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ अवैध रेत का खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गए थे। लेकिन अवैध रेत से लदे ट्रैक्टर चालक ने जैसे ही एएसआई को अपनी ओर आते देखा तो वह गाड़ी से कूदकर भाग गया और ट्रैक्टर ASI के ऊपर चढ़ गया।

इस घटना में ASI की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। एडीजी शहडोल जोन ने बताया कि वारेंटियों की तलाश में ये ASI अपने दो साथियों के साथ गए थे। रास्ते में इन्हें अवैध रेत से लदा ट्रैक्टर दिखा। जब इन्होंने उसे रुकवाने का प्रयास किया तो वह ट्रैक्टर एएसआई पर चढ़ गया और फिर पुलिया से टकराकर वहीं लटक गया।

एडीजी ने बताया कि इस मामले में ड्राइवर और एक युवक को पकड़ लिया गया है और मेरे द्वारा 30 हजार के ईनाम की घोषणा की गई है।

 

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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