Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

रास चुनाव: भाजपा ने की शेष दो प्रत्याशियों की भी घोषणा, इन नामों ने चौंकाया

Published

on

Loading

लखनऊ। 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उप्र से शेष दो प्रत्याशियों की भी घोषणा कर दी है। पार्टी ने पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हैदराबाद निवासी डा. के. लक्ष्मण को उप्र से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है।

दलित वर्ग को भी समायोजित करते हुए सपा छोड़कर भाजपा में आए शाहजहांपुर के पूर्व सांसद मिथलेश कुमार के नाम पर भी पार्टी ने मुहर लगाई है।

इससे पहले रविवार को राज्यसभा की रिक्त हो रही यूपी कोटे की 11 सीटों में से छह प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई थी। अब भाजपा ने कुल आठ प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। सभी प्रत्याशी आज 31 म‌ई मंगलवार को अंतिम दिन नामांकन करेंगे।

राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के कोटे की रिक्त हो रहीं 11 सीटों के लिए भाजपा ने आठ और सपा ने तीन प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा ने छह प्रत्याशी रविवार को घोषित कर दिए थे।

इनमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, गोरखपुर के पूर्व विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. दर्शना सिंह, राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष बाबूराम निषाद और चौरी-चौरा की पूर्व विधायक संगीता यादव के अलावा वर्तमान में राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र सिंह नागर थे।

पार्टी ने वर्तमान राज्यसभा सदस्य शिवप्रताप शुक्ला, जफर इस्लाम, जयप्रकाश निषाद और संजय सेठ को दोबारा मौका नहीं दिया है। इस तरह अब आठों प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। मंगलवार को नामांकन का अंतिम दिन है। पार्टी के आठों प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के लिए विधानभवन के सेंट्रल हाल में पहुंचेंगे। विधायकों के वोटों की संख्या के आधार पर भाजपा के आठ प्रत्याशियों की जीत तय है, जबकि सपा तीन सीटें जीत जाएगी।

उत्तर प्रदेश

गरीब बच्चों को बड़े स्कूलों में प्रवेश दिला रही योगी सरकार, प्रथम चरण में 1.32 लाख से अधिक आवेदन आए

Published

on

Loading

लखनऊ |  उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सरकार के ‘मिशन शिक्षा’ के तहत, गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। इसका परिणाम यह है कि आवेदन प्रक्रिया के प्रथम चरण (01 दिसंबर से 19 दिसंबर) के दौरान 1.32 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।

ज्ञातव्य हो कि योगी सरकार इस वर्ष यह प्रयास कर रही है कि किसी भी गरीब बच्चे की पढ़ाई में एक दिन भी देरी न हो और उसे समय से स्कूल में प्रवेश दिलाकर अप्रैल के पहले दिन से ही उसकी नियमित पढ़ाई शुरू करा दी जाए। इस प्रथम चरण में वंचित और अलाभित परिवारों के अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक आवेदन किया है, जिनमें सर्वाधिक आवेदन वाराणसी (10,278), लखनऊ (8,714) और कानपुर नगर (8,276) से प्राप्त हुए हैं। अब सरकार ने इन आवेदनों के सत्यापन कार्य में तेजी लाकर बच्चों को उनके अधिकार शीघ्र प्रदान करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया है। योगी सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में एक नई उम्मीद और परिवर्तन की लहर दौड़ रही है, जिससे हर बच्चे के लिए शिक्षा का दरवाजा खुल रहा है।

19 दिसंबर तक आये सर्वाधिक आवेदन की स्थिति

सभी जिलों से प्राप्त हुए कुल 1,32,446 आवेदनों में जिन जिलों से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें शीर्ष पर वाराणसी (10,278) है, जबकि दूसरे स्थान पर लखनऊ (8,714) है। इसी प्रकार तीसरे स्थान पर कानपुर नगर (8,276), चौथे स्थान पर अलीगढ़ (4,880) और पांचवें स्थान पर आगरा (4,626) ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।

सरकार ने दिये हैं निर्देश

इसके साथ ही बीईओ और बीएसए स्तर पर लंबित आवेदनों को लेकर सरकार ने जिलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर बच्चों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं। सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि 23 दिसंबर को पोर्टल स्वतः बंद हो जाएगा, इसलिए अधिकारी 22 दिसंबर तक सर्वोच्च प्राथमिकता पर आरटीई आवेदन सत्यापन को रखते हुए आवेदनों का सत्यापन कार्य पूर्ण करें।

चार चरणों में दिया जा रहा मौका

बच्चों का समय पर नामांकन सुनिश्चित करने के लिए सत्र 2025-26 के लिए 4 चरणों में आवेदन प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है, जो क्रमशः 1 दिसंबर, 1 जनवरी, 1 फरवरी और 1 मार्च से उस महीने की 19 तारीख तक चलाई जा रही है। पहले चरण में आवेदनों की संख्या आने के बाद उनके सत्यापन का कार्य गतिशील है, जबकि शेष चरणों में आने वाले प्रार्थना पत्रों के बाद निर्धारित समय से सत्यापन कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

पिछले सत्रों में यह रही स्थिति

शैक्षिक सत्र 2022-23 में 71,214 बच्चों के मुकाबले सत्र 2024-25 में इस योजना के अंतर्गत 1,14,196 बच्चों का प्रवेश गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कराया गया था, जो कि एक बड़ा उछाल था। इसके अतिरिक्त, सत्र 2024-25 तक राज्य भर के 5 लाख से अधिक बच्चे निजी विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बता दें कि इन दो वित्तीय वर्षों में योगी सरकार ने 436 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया था और विद्यालयों को गरीब बच्चों को बिना किसी बाधा के प्रवेश देने में सहायता मिली थी।

सरकार का प्रयास-बच्चों के प्रवेश में न हो देरीः संदीप सिंह

योगी सरकार के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत प्रत्येक चरण के लिए लॉटरी और नामांकन की तारीखें तय हैं। जिला प्रशासन भी सहयोग कर रहा है, जिससे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों की सुविधा प्रदान कर नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि किसी भी बच्चे के प्रवेश में देरी न हो और वह समय से अपनी नियमित पढ़ाई शुरू कर सके। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को समय से तैयार करा लें और आवेदन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, सभी अभिभावक इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलवाने में सरकार का सहयोग करें।

Continue Reading
उत्तर प्रदेश10 minutes ago

गरीब बच्चों को बड़े स्कूलों में प्रवेश दिला रही योगी सरकार, प्रथम चरण में 1.32 लाख से अधिक आवेदन आए

उत्तर प्रदेश15 minutes ago

‘एडवांस्ड एआई ड्रिवन डाटा तकनीकों’ के प्रयोग से प्रभावी बनेगा महाकुम्भ मेला का सुरक्षा तंत्र

मनोरंजन19 minutes ago

‘बिग बॉस 18’ में इस बार ट्रिपल इविक्शन, जानें कौन – कौन हो सकता है घर से बेघर

उत्तर प्रदेश26 minutes ago

लेटे हनुमानजी, अरैल-फाफामऊ पुल के नीचे, रीवा, मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग, बालसन चौराहा आदि स्थानों पर 45 दिन तक प्रतिदिन होंगी सांस्कृतिक प्रस्तुति

उत्तर प्रदेश1 hour ago

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी

Trending