उत्तर प्रदेश
संघमित्रा को बीजेपी की दो टूक- तय करें कि भविष्य में किसके साथ खड़ी होंगी
नई दिल्ली। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी के समर्थन में उनकी बेटी संघमित्रा का बयान अब उन पर भारी पड़ता दिख रहा है। बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा को उप्र भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने साफ कह दिया है कि अब उन्हें (संघमित्रा) तय करना होगा कि भविष्य में वह किसके साथ खड़ी होंगी।
एक निजी चैनल से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि संघमित्रा बीजेपी की सांसद हैं और 2019 में जनता ने उन्हें सांसद चुना है, हमारी पार्टी का हिस्सा हैं लेकिन अब उन्हें तय करना है कि आगे उनकी लाइन क्या होगी।
बता दें कि पिछले दिनों जब स्वामी प्रसाद मौर्या अपनी विवादित टिप्पणी के कारण चौतरफा घिरे थे तो उनकी बेटी संघमित्रा ने पिता का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि पिता को पूरे ग्रंथ से नहीं बल्कि कुछ चौपाइयों पर एतराज है, क्योंकि उन्होंने इसका अध्यन किया है। पिता की टिप्पणी पर विचार किया जाना चाहिए न कि विवाद खड़ा करना चाहिए।
संघमित्रा ने अपने बयान में कहा था कि यदि किसी को इस लाइन पर संदेह है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए। यह विषय विवाद या मीडिया में बैठकर बहस का नहीं बल्कि इस पर विद्वानों को विचार करना चाहिए ताकि यह साफ हो सके कि चौपाई का वास्तविक अर्थ क्या है। हालांकि बाद में वह इस विवाद पर किनारा करती भी नजर आईं थी।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे प्रतिबंधित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जो भी विवादित अंश इस ग्रंथ में संकलित हैं, उन्हें निकाला जाना चाहिए। इस तरह की पुस्तक को जब्त किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
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