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प्रादेशिक

टोल-फ्री काॅल सेन्टर में सुबह 7ः45 से रात 10ः45 तक गन्ना किसानों की समस्याओं का किया जायेगा समाधानः संजय आर. भूसरेड्डी

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लखनऊ। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण हेतु गन्ना विकास विभाग के मुख्यालय पर कन्ट्रोल रूम (टोल-फ्री) स्थापित है। टोल-फ्री काॅल सेन्टर के कार्मिकों द्वारा किये जा रहे कार्यो मे प्रगति लाने एवं शिकायतों का गुणवत्तापरक निराकरण कराने के दृष्टिगत अब टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर अनुभवी एवं दक्ष कार्मिकों द्वारा दो पालियों मे गन्ना किसानों को सेवा प्रदान की जायेगी।

टोल-फ्री कॉल सेन्टर की कार्य प्रणाली के सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि टोल-फ्री कन्ट्रोल रूम के कार्मिकों की कार्यप्रणाली को और सुदृढ़ किये जाने के दृष्टिगत, कार्मिकों द्वारा अब प्रातः 7.45 रात्रि 10.45 तक गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा। टोल-फ्री काॅलसेन्टर की यह व्यवस्था सर्वे सीजन के दौरान माह जून से सितम्बर तक लागू की गयी है, इस अवधि में टोल-फ्री नम्बर पर 16 घण्टे किसान कॉल कर सकते हैं, वहीं पेराई सीजन के दौरान माह अक्टूबर से मई तक कन्ट्रोल रूम द्वारा 24X7 गन्ना किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। कन्ट्रोल रूम मे टोल फ्री नम्बर पर काॅल करने वाले गन्ना किसानों को कोई असुविधा न हो, इस हेतु कन्ट्रोल रूम कार्मिकों के अवकाश की अवधि मे कार्य करने के लिए दक्ष एंव अनुभवी  कार्मिकों की बैकअप टीम का भी गठन किया गया है।

उन्होनें बताया कि कृषक गन्ने की खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याओं हेतु विभागीय टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 पर एवं सर्वे, सट्टा, कैलेंडर, पर्ची आदि से सम्बन्धित समस्यों हेतु टोल-फ्री नंबर 1800-103-5823 पर अपनी शिकायत दर्ज कराकर उसका समाधान पा सकेंगे। उन्होनें यह भी बताया कि कन्ट्रोल रूम में तैनात कार्मिकों के कार्यो की गुणवत्ता के अनुश्रवण एवं औचक निरीक्षण हेतु विभागीय नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण कर कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये जायेगें। उक्त के अतिरिक्त गन्ने की खेती से जुड़ी नवीनतम जानकारियों तथा कीट रोग आदि के रोकथाम उपायों हेतु गन्ना किसान भारत सरकार के किसान कॉल सेंटर टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कॉल कर कृषि वैज्ञानिकों से अपनी समस्या का निदान पा सकते हैं।

इन तकनीकी व्यवस्थों से किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं होगी और उनके आने जाने में लगने वाले समय एवं पैसे की बचत होगी साथ ही कोविड महामारी के प्रसार को रोकने में भी उक्त व्यवस्था सहायक सिद्ध होगी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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