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शिवसेना की लड़ाई एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में, चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती

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नई दिल्ली। शिवसेना में चल रही अंदरुनी लड़ाई एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की दहलीज़ पर पहुँच गई है। इस बार चुनाव आयोग के आदेश को लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। असली शिवसेना के रूप में मान्यता के लिए एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। उद्धव गुट का कहना है कि चुनाव आयोग यह निर्धारित नहीं कर सकता कि बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने तक असली शिवसेना कौन है?

दरअसल चुनाव आयोग ने शिंदे और उद्धव गुट को शिवसेना के अधिकार के दावे को दस्तावेज के साथ 8 अगस्त तक दाखिल करने का आदेश दिया है, उद्धव गुट ने इसी आदेश को चुनौती दी है। उद्धव गुट चुनाव आयोग के आदेश को असंवैधानिक और जल्दबाजी में लिया फैसला करार दे रहा है। ठाकरे ग्रुप के महासचिव सुभाष देसाई ने याचिका दायर की है।

याचिका में कहा है कि शिंदे गुट अवैध रूप से संख्या बढ़ाने और संगठन में कृत्रिम बहुमत बनाने की कोशिश कर रहा है। मुद्दा पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। यदि चुनाव आयोग इस मामले पर आगे बढ़ता है तो यह अपूरणीय क्षति का कारण बनेगा, जो मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है, उसमें जांच करना न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप के बराबर है। इस तरह ये अदालत की अवमानना के बराबर है।

चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से मांगा है ब्यौरा

बता दें कि चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से पार्टी के अंदर चले रहे विरोध की वजहों का ब्योरा भी लिखित में देने को कहा गया है। इससे पूर्व चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में सीएम एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने अपने साथ शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसदों के होने का दावा किया है।

शिंदे ने ठोंका है पार्टी पर दावा

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी पर दावा ठोंक दिया था। एकनाथ शिंदे जिस तरह तेजी से बढ़ रहे हैं उससे लगता है कि जल्द ही वो तीर-कमान पर अपना कब्जा जमा लेंगे।

एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग को लिखा था कि उद्धव ठाकरे द्वारा नियुक्त शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग कर दी गई है और उन्होंने एक नई कार्यकारिणी का गठन किया है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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