उत्तर प्रदेश
नई क्रेडिट गारंटी स्कीम से प्रदेश की छोटी इकाइयों को मिलेगी बड़ी राहत
लखनऊ, । आम बजट में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) क्षेत्र के लिए भी कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। सबसे प्रमुख घोषणा एक नई क्रेडिट गारंटी स्कीम की है, जिसके तहत एमएसएमई इकाइयों को कोलेट्रल फ्री ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए एक स्व-वित्तपोषित गारंटी फंड स्थापित किया जाएगा, जो प्रत्येक उधारकर्ता को 100 करोड़ रुपए तक का गारंटी कवर प्रदान करेगा। इस पहल से प्रदेश की उन छोटी इकाइयों को भी लाभ मिलेगा जो अपरिहार्य कारणों से समय पर ऋण चुकता नहीं कर पा रही हैं और इससे उनके खातों को एनपीए होने से भी बचाया जा सकेगा। मालूम हो कि योगी सरकार प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। बजट में नए प्रावधानों से प्रदेश के एमएसएमई क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी।
सर्वस्पर्शी और विकासोन्मुखी बजट
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने आम बजट 2024-25 को सर्वस्पर्शी और विकासोन्मुखी बजट बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, एमएसएमई इकाइयों को विभिन्न बैंकों से ऋण प्राप्त करने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव उनकी आर्थिक स्थिरता पर पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए बजट में एक नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल पेश किया जाएगा, जो डिजिटल फुटप्रिंट्स के आधार पर ऋण की स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाएगा। यह नई प्रणाली बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करेगी, जो अब तक परंपरागत रूप से असेट्स और टर्नओवर के आधार पर ऋण देती रही हैं। बजट में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण की सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की घोषणा की गई है। यह सुविधा उन इकाइयों के लिए होगी जिन्होंने पूर्व में लिए गए ऋण को तय समय सीमा में चुकाया है।
कारीगर आसानी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे अपने उत्पाद
एमएसएमई क्लस्टर्स में अगले तीन वर्षों में सिडबी की 24 नई शाखाएं खोली जाएंगी, जिससे एमएसएमई इकाइयों को ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी। ट्रेड्स (Trade Receivables Discounting System) प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण की सीमा को वर्तमान 500 करोड़ रुपए से घटाकर 250 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जिससे अधिक एमएसएमई इकाइयां इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हो सकेंगी और आसानी से क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगी। पीपीई मॉडल पर ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को बेचने में मदद करेंगे। इसके साथ ही, 100 एनएबी मान्यता प्राप्त फूड टेस्टिंग लैब्स खाद्य प्रसंस्करण संबंधित इकाइयों को उच्च गुणवत्ता वाले परीक्षण सेवाएं प्रदान करेंगी। देश की 500 बड़ी कंपनियों में अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने उद्यम शुरू करने के लिए तैयार हो सकें। ये प्रावधान एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने और देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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