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सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव व शिंदे गुट से मांगा हलफनामा, एक अगस्त को अगली सुनवाई

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सियासी संकट पर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में सुनवाई हुई। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो कुछ मुद्दे बड़ी बेंच यानी संवैधानिक पीठ को भेजे जा सकते हैं।

इसकी अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से मंगलवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है। एकनाथ शिंदे गुट की ओर से प्रख्यात वकील हरीश साल्वे ने कहा कि शिवसेना के भीतर लोकतंत्र का अयोग्यता की कार्यवाही के जरिए गला घोंट दिया गया।

साल्वे ने कहा अगर पार्टी में भारी संख्या में लोग ये सोचते हैं कि दूसरा आदमी अगुआई करे तो इसमें गलत क्या है। अगर आप पार्टी के भीतर ही पर्याप्त ताकत हासिल कर लेते हैं। पार्टी में ही रहते हैं और लीडर से सवाल करते हैं। आप उससे कहते हैं कि सदन में आप उसे परास्त कर देंगे तो ये दल-बदल नहीं है।

उन्होंने कहा दल-बदल तब है जब आप पार्टी छोड़ते हैं और दूसरों से हाथ मिला लेते हैं। तब नहीं, जब आप पार्टी में ही रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी किसी राजनीतिक दल की वर्किंग में दखल नहीं दिया है। दल-बदल कानून अपने आप नहीं लागू हो जाता है। इसके लिए भी पिटीशन लगती है।

साल्वे ने कहा अगर कोई सदस्य राज्यपाल के पास जाता और कहता कि विपक्ष को सरकार बनानी चाहिए तो ये खुद पार्टी छोड़ना कहलाता है। अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा देते हैं और दूसरी सरकार शपथ लेती है तो ये दल-बदल नहीं है।

उन्होंने कहा क्या ऐसा इंसान जो 20 विधायकों का सपोर्ट हासिल नहीं कर पा रहा है, उसे मुख्यमंत्री रहना चाहिए, क्या हम सपनों की दुनिया में हैं? मुखिया के खिलाफ आवाज उठाना अयोग्यता नहीं है।

उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल की दलील

उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि शिवसेना से अलग होने वाले विधायक अयोग्य हैं। उन्होंने किसी पार्टी के साथ विलय भी नहीं किया। अगर शिंदे गुट की याचिका को सुना गया तो ऐसे में हर चुनी हुई सरकार को गिराया जा सकता है। इससे लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा।

सिब्बल ने कहा राजनीतिक पार्टी का मुद्दा खुद में एक सवाल है। जब अयोग्य सदस्य किसी व्यक्ति को चुनते हैं तो ये चुनाव ही सही नहीं है। लोगों के फैसले का क्या होगा? आप विधानसभा अध्यक्ष के अयोग्यता पर रोक लगा सकते हैं, लेकिन प्रोसीडिंग पर रोक कैसे लगाई जा सकती है।

उन्होंने कहा अब शिंदे गुट कह रहा है कि वो इलेक्शन कमीशन के पास जाएंगे। ये तो कानून का मजाक उड़ाना है। इस अयोग्य सरकार को एक दिन भी नहीं रहना चाहिए।

अभिषेक मनु सिंघवी की दलील

उद्धव गुट के दूसरे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गुवाहाटी जाने से पहले एक दिन पहले शिंदे गुट ने तब के डिप्टी स्पीकर को एक गैरआधिकारिक मेल से पत्र भेजा और उनको हटाने की मांग की। मैं इसे कोई रिकॉर्ड नहीं मानता, क्योंकि डिप्टी स्पीकर के सामने कोई भी विधायक नहीं आया था फिर ये कैसे हो गया?

सिंघवी ने कहा आप स्पीकर को नहीं रोक सकते हैं और न ही फ्लोर टेस्ट बुला सकते हैं। ये पूरा बहुमत ही अवास्तविक है। अगर हम 4 लोग यहां पर अयोग्य घोषित किए जाते हैं तो फ्लोर टेस्ट में अयोग्य लोग हिस्सा नहीं ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के पास ताकत है कि वो अतीत में जाकर जो कुछ भी हुआ है, उसे बदल सके।

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नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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