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उत्तर प्रदेश

प्रदेश में जल्द हो गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे: सीएम योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे जल्द से जल्द हों, साथ ही मदरसों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए नए नियम बनाए जाए। इसके साथ की योगी सरकार ने सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के स्थानांतरण की अनुमति देने वाला एक आदेश भी पारित किया।

अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश रजा ने कहा, “मदरसों के प्रबंधकों की मंजूरी और रजिस्ट्रार, यूपी मदरसा शिक्षा परिषद की मंजूरी के साथ सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षकों/गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्थानांतरित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया है।” उन्होंने कहा,’अभी तक बोर्ड में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के सदस्यों के ट्रांसफर की इजाजत नहीं थी जो नए आदेश के बाद लागू कर दी गई है।

मिलेगी मातृत्व अवकाश और चाइल्ड केयर लीव

इसके साथ ही सरकार ने राज्य मदरसा बोर्ड की महिला स्टाफ सदस्यों को भी अब मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव की सुविधा देने की घोषणा की। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने बताया महिला कर्मचारियों को माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के मुताबिक मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) और चाइल्ड केयर लीव मिलेगी।

मंत्री ने कहा प्रदेश सरकार के नए आदेश के मुताबिक अब किसी भी कर्मचारी के आश्रितों को मृतक आश्रित के तौर पर नौकरी दी जाएगी। कार्यकाल के दौरान जिन लोगों का निधन हो जाता है उन्हें भी ये सुविधा अब मुहैया करवाई जाएगी। यह जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी या मदरसे के प्राचार्य से सहमति प्राप्त करने के बाद किया जाएगा। नए नियमों के तहत मदरसों में काम करने वाली

गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का ऐलान

सरकार ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का भी ऐलान किया है ताकि शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और वहां उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। अंसारी ने बताया कि मदरसों में छात्रों को बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में सरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की आवश्यकता के अनुसार सर्वेक्षण करेगी। और यह सर्वेक्षण बहुत ही जल्द  शुरू होगा।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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