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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी परिसर में GPR तकनीक से सर्वे का काम शुरू, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम

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Gyanvapi Case

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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज फिर से पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) सर्वे का काम शुरू हो गया है। भारी सुरक्षा के बीच यहां ASI की टीम पहुंची। सर्वे को लेकर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। बता दें कि कल हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर रोक लगाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था।

कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही एक बार फिर से सर्वे शुरू हो गया है। जिले की पुलिस और प्रशासनिक महकमा हाई अलर्ट पर है। ज्ञानवापी परिसर के साथ ही पूरे वाराणसी में हाई अलर्ट है।

गौरतलब है कि ज्ञानवापी में सर्वे पिछले दस दिन से रुका हुआ है। ASI की 43 सदस्यीय टीम 24 जुलाई को सर्वे के लिए सुबह सात बजे पहुंची थी, लेकिन दोपहर लगभग 12:30 बजे सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी और हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।

जीपीआर तकनीक से हो रहा सर्वे

ज्ञानवापी में सर्वे ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (ground penetrating radar- GPR) तकनीक से हो रहा है। ये तकनीक काफी खास है। इसमें बिना जमीन खोदे ही 10 मीटर गहराई तक धातु व अन्य सरंचनाओं के बारे में जानकारी मिल जाती है।

सर्वे में शामिल नहीं हुआ मुस्‍ल‍िम पक्ष

मुस्‍ल‍िम पक्ष की ओर से सर्वे में कोई शामिल नहीं हुआ है। दरअसल, मुस्लिम पक्ष ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसको लेकर आज अहम सुनवाई भी है।

नमाज के लिए खाली किया जाएगा परिसर

ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे 12 बजे तक चलेगा। दरअसल शुक्रवार को यहां नमाज अदा की जाती है, जिसको देखते हुए परिसर को खाली कराया जाएगा। इसके बाद नमाज के लिए टीम परिसर छोड़ देगी। शाम को 3 से 5 बजे तक सर्वे फिर से शुरु हो सकता है।

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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