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प्रादेशिक

तालिबान ने मंत्रालय में महिलाओं की एंट्री को किया बैन

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नई दिल्ली। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्ज़े के बाद अब उनकी तानाशाही लगातार देखने को मिल रही है। अफगानी जनता को जिन चीज़ों का डर सता रहा था, वो सब सच होते दिख रहे हैं। महिलाओं को ले कर दो तरफ़ा बातें करने वाला तालिबान अपनी दकियानूसी सोच पर वापस उतर आया है।

एक तरफ जहां वो महिलाओं को पढ़ने और नौकरी करने की आज़ादी देने की बातें करता हैं, वही दूसरी ओर काम पर पहुंची महिलाओं के दफ्तरों मे आने पर रोक लगा रहा है।

रूस की एक रिपोर्ट के मुताबिक महिला मामलों के मंत्रालय में काम करने वाली 4 महिला कर्मचारियों को ही दफ्तर में आने से रोक दिया गया। इस घटना की जानकारी महिला कर्मचारी ने ही मीडिया को दी।

आपको बता दें कि काम पर जाने से रोकने पर महिलाओं का गुस्सा फुट पड़ा और उन्होंने महिला मामलों के मंत्रालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर दिया। अब देखना होगा कि तालिबान अपनी ज़ुबान पर खरा उतरता है या यूँ ही महिलाओं पर अत्याचार कायम रहेंगे।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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