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तीस्ता सीतलवाड़ को अभी रहना होगा जेल में, टली जमानत याचिका पर सुनवाई

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'Supreme' directs Teesta Setalvad and her husband to cooperate with Gujarat Police

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अहमदाबाद। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और रिटायर्ड डीजीपी बीआर श्रीकुमार को अभी जेल में ही रहना होगा। अहमदाबाद स्थित सेशन कोर्ट ने आज शुक्रवार को दोनों की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 जुलाई तक टाल दी है।

अभिजोजन पक्ष की ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को देखने के लिए समय की मांग की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। बता दें, 2002 गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआईटी से मिली क्लीनचिट पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद तीस्ता और पूर्व डीजीपी को गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले 6 जुलाई को अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था।

सीतलवाड और अन्य दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों को 2002 के सांप्रदायिक दंगों के सिलसिले में बेगुनाह लोगों को फंसाने की साजिश रचने के आरोप में हाल में अहमदाबाद क्राइम ब्रान्च ने गिरफ्तार किया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीडी ठक्कर ने दूसरे आरोपी और गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार की नियमित जमानत पर सुनवाई करते हुए भी राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। श्रीकुमार ने मंगलवार को जमानत के लिए अर्जी दायर की थी।

अपनी-अपनी जमानत अर्जियों में सीतलवाड़ और श्रीकुमार ने दावा किया है कि आईपीसी की जिन धाराओं में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनके तहत उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।

2 जुलाई को दोनों की पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद एक मजिस्ट्रेट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को 2002 के दंगों के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई एसआईटी की क्लीन चिट को बरकरार रखा था।

इसके एक दिन बाद तीस्ता सीतलवाड और श्रीकुमार को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट भी आरोपी हैं। फिलहाल वह हिरासत में मौत होने के एक मामले में बनासकंठा जिले की पालनपुर जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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