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प्रादेशिक

अब तेजस्वी के पोस्टर से तेज प्रताप की फोटो गायब

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पटना। लालू प्रसाद यादव के परिवार में अंदरूनी राजनीति काफी समय से चल रही है, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों में यह पोस्टर वार के साथ सार्वजनिक हो गई है।

तेज प्रताप यादव ने इसकी शुरूआत तब की थी, जब उन्होंने पटना मुख्यालय में युवा विंग के कार्यक्रम से संबंधित पोस्टर से अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव की तस्वीर हटा दी थी।

सोमवार को इस बार तेजस्वी यादव का उनके पिता एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और माता राबड़ी देवी के साथ एक और पोस्टर सामने आया है। हालांकि इस पोस्टर से तेज प्रताप गायब हैं।

तेजप्रताप यादव ने रविवार को पार्टी में शक्ति प्रदर्शन करते हुए पार्टी की युवा शाखा का कार्यक्रम आयोजित किया था और वीरचंद पटेल पथ स्थित पार्टी मुख्यालय में एक बड़ा पोस्टर लगाया गया था। इसमें तेज प्रताप, लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की तस्वीरें थीं। इसमें प्रदेश युवा शाखा के अध्यक्ष आकाश यादव भी थे, लेकिन तेजस्वी, जिनकी हाल ही में खुद लालू प्रसाद ने सराहना की थी, गायब थे।

भले ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अब सक्रिय राजनीति में दिखने लगे हैं। जमानत मिलने और जेल से बाहर होने के बाद वह लगातार राजनीतिक गतिविधियों को लेकर बैठक रहे हैं, मगर जो खबरें पटना से आ रही हैं, उसमें राजद के लिए अच्छे संकेत नहीं है।

इस पोस्टर वार को देखते हुए कहा जा सकता है कि राजद में एक बार फिर से अंदरूनी कलह की शुरूआत हो चुकी है और संकेत मिल रहे हैं कि तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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