उत्तर प्रदेश
इस वायरल वीडियो में दिखी लापरवाही की हद, खतरे में डाल दी स्कूली बच्चों की जान
बरेली। उप्र के बरेली से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे देखकर तमाम माता-पिता चिंतित हो गए हैं। वीडियो में लापरवाही की हद पार हो गई है। वायरल वीडियो में एक ऑटो रिक्शा वाला तीन स्कूली बच्चों को ऑटो की छत पर बैठा कर ले जा रहा है।
यहां देखें वायरल वीडियो
इन बच्चों की उम्र 12 साल से कम बताई जा रही है। इस तरीके से ऑटो के ऊपर बैठाए गए तीन बच्चों के लिए ये सफर कितना खतरनाक साबित हो सकता था, यह वीडियो देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है। किसी जागरूक नागरिक ने यह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करा जिसके बाद यह तेज़ी से वाइरल हो गया।
सोशल मीडिया पर वायरल होते ही चिंतित माता-पिता, ड्राइवर और स्कूल प्रशाशन को कोसने लगे। ड्राइवर की लापरवाही पर लोगों ने पुलिस से कार्यवाही की मांग की। जैसे ही यह मामला एसएसपी बरेली सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के पास पहुंचा तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेने का आदेश एसपी सिटी राहुल भाटी को दिया।
इसके बाद ऑटो चालक पर न सिर्फ जुर्माना लगाया गया बल्कि 279 (रैश ड्राइविंग) के तहत एफआईआर भी दर्ज की गई। एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि-‘ड्राइवर को रैश ड्राइविंग के लिए बुक किया है, क्योंकि उसने बच्चों के जीवन को खतरे में डाल डाला, हम स्कूल प्रशासन से भी बात करेंगे कि वे ऐसे ड्राइवरों को बच्चों के जीवन को खतरे में डालने की अनुमति न दें।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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