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सपा, बसपा की उम्‍मीदों का गढ़ कहे जाने वाले सोनभद्र और मिर्जापुर में हर घर नल योजना ने बदली बीजेपी की कहानी

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लखनऊ। केन्द्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में चल रही हर घर नल योजना बुंदेलखंड और विंध्‍य में योगी सरकार के लिए गेम चेंजर साबित हुई। बुंदेलखंड और विंध्‍य क्षेत्र की सीटों पर जीत का सपना संजोये विपक्ष की उम्‍मीदों पर घर घर पहुंचे नल ने पानी फेर दिया। चुनाव परिणाम के आंकड़े इसके गवाह हैं । भाजपा ने बुंदेलखंड की 19 में से 16 और विंध्‍य क्षेत्र में मिर्जापुर की सभी पांच और सोनभद्र की चारों सीटों पर जीत दर्ज की है। विपक्ष इस क्षेत्र में एक भी सीट नहीं हासिल कर सका। जबकि बुंदेलखंड में महज 3 सीटों से संतोष करना पड़ा।
चुनावी जानकारों के मुताबिक हर घर नल योजना ने चुनावी समीकरणों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खास तौर से कुछ साल पहले तक पानी की बूंद-बूंद को तरसने वाले बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में हर घर नल योजना ने भाजपा की प्रचंड जीत को रफ्तार दी।

पानी की इन क्षेत्रों में हमेशा किल्लत रहती थी। गर्मी शुरु होते ही पानी के लिए त्राहिमाम मचने लगता था। महिलाओं को मीलों दूर से पानी से भरे घड़े और बाल्टियां सिर पर ढोकर लाना पड़ता था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद हर घर नल योजना का काम बुंदेलखंड और विंध्‍य क्षेत्र में तेजी से शुरू हुआ और हजारों घरों तक पीने का साफ पानी पहुंचा। विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली प्रचंड जीत में बुंदेलखंड की 19 में से 16 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल कर इतिहास रचने का काम किया। तो समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले विंध्य क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र में भी भाजपा गठबंधन ने जीत का परचम लहरा दिया। कभी पानी की किल्लत से जूझने वाले बुंदेलखंड के 07 और विंध्य क्षेत्र के 02 जिलों के गांवों में पानी सप्लाई शुरू होने से यहां के हालात बदल गए।

योजना के माध्यम से अब तक 60 हजार से अधिक घरों तक पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं और इनमें से 02 लाख 37 हजार से अधिक लोगों को योजना का सीधा फायदा मिलना शुरू भी हो चुका है। जबकि विंध्य क्षेत्र के मिर्जापुर में 8 योजनाओं के माध्यम से 18 हजार से अधिक परिवारों को पानी सप्लाई दी जा रही है। जबकि सोनभद्र में संचालित जल जीवन मिशन की 9 योजनाओं से 3 लाख 20 हजार से अधिक परिवारों तक फंक्शनल हाउस होल्ड कनेक्शन का लक्ष्य तेजी से पूरा कराया जा रहा है।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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