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लश्कर आतंकी खुबैब के घर लहरा रहा तिरंगा, पिता ने कहा- यह हमारा झंडा
डोडा (कश्मीर)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर घर तिरंगा अभियान उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो कहते थे कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर घाटी में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा। दरअसल, हर घर तिरंगा अभियान को लेकर लोगों में उत्साह ने उन लोगों को पूरी तरह से नंगा कर दिया है, जो कश्मीर बनेगा दारूल इस्लाम और आजादी का नारा देते हुए पाकिस्तान को अपना मोहसिन मानते थे।
आज उन्ही अलगाववादियों और आतंकियों के परिजन अपने घर पर राष्ट्रध्वज लहराते हुए कह रहे हैं कि जो इसका अपमान करे, जो मुल्क के खिलाफ जाए, वह जहां मिले उसे फौज वहीं मार दे। यह हमारे मुल्क का झंडा है, इसे हम नहीं तो फिर कौन उठाएगा। अगर यकीन न हो तो जम्मू कश्मीर का अफगानिस्तान और नरसंहारों की धरती कहलाने वाले जिला डोडा के कठावा में स्थित लश्कर आतंकी खुबैब के घर आकर देख लो।
मोहम्मद अमीन उर्फ खुबैब उर्फ पिन्ना उर्फ हारून लश्कर-ए-तैयबा के उन दुर्दाँत आतंकियों में एक है,जो पाकिस्तान में बैठ जम्मू कश्मीर में हिंसा फैलाने, स्थानीय युवाओं को बरगला मौत के रास्ते पर धकेलने की साजिशों में लगा हुआ है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने उसे जम्मू प्रांत में विशेषकर जिला डोडा, रामबन, किश्वताड़ और उधमपुर में एक बार फिर से आतंकी नेटवर्क तैयार करने का जिम्मा सौंप रखा है।
बीते तीन वर्ष के दौरान खुबैब के नेटवर्क से जुड़े डोडा, जम्मू और रामबन में सक्रिय लश्कर के लगभग एक दर्जन आतंकी व ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े जा चुके हैं। ऊधमपुर में बीते दिनों हुए बम धमाके की साजिश भी उसके ही इशारे पर अंजाम दी गई थी। कटरा बस स्टैंड पर एक बस में धमाके में उसका हाथ बताया जाता है। बीते माह जम्मू कश्मीर पुलिस ने उसके कुछ साथियों को पकड़ा है, जिनके पास से स्टिकी बम भी मिले थे।
15 वर्ष से पाकिस्तान में बैठे मोहम्मद अमीन उर्फ खुबैब का खौफ आज भी डोडा के ऊपरी इलाकों में रहने वालों के चेहरों पर साफ देखा जा सकता है। उसके गांव में तो क्या आस-पास के गांवों में भी लोग खुलेआम भारत माता का जयघोष करते हुए डरते थे,लेकिन आज उसके अपने घर में ही राष्ट्रध्वज लहरा रहा रहा है।
डोडा निवासी खालिद राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान जिस उद्देश्य के साथ शुरु किया है,वह लक्ष्य पूरा होता नजर आ रहा है। उन्होंने यह अभियान आम लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत बनाने और उनमें राष्ट्रध्वज के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए शुरु किया गया था। आतंकी कमांडर खुबैब के घर में लहराता तिरंगा इस लक्ष्य की प्राप्ति की पुष्टि करता है।
कठावा स्थित अपने घर में राष्ट्रघ्वज को लगाते हुए आतंकी खुबैब के पिता दाऊद बट ने कहा कि यह हमारा झंडा है, हम नहीं तो फिर कौन इसे उठाएगा। हम हिंदुस्तानी हैं और यह हमारे मुल्क का झंडा है। अपने आतंकी पुत्र का जिक्र होने पर उन्होंने कहा कि खुबैब को चाहिए था कि वह हिंदुस्तान की बंदूक और झंडा उठाता। उसे भी यही तिंरगा उठाना चाहिए था। वह जहां फौज को मिले, उसे वहीं मार दिया जाए।
खुबैब के भाई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह अभियान चलाकर बहुत अच्छा किया है। हरेक को यह झंडा अपने घर लगाना चाहिए। मैं आज आपके जरिए अपने भाई को एक पैगाम देना चाहूंगा कि वह वापस आए और अपने मुल्क का झंडा उठाए। यही उसके लिए अच्छा है। उसके कारण कई नौजवान बरबाद हुए हैं, कई घर तबाह हुए हैं।
दाऊद बट ने कहा कि हम अपने घर तिरंगा किसी को दिखाने के लिए या किसी के डर से नहीं लगा रहे हैं, यह हर हिंदुस्तानी और हर वतनपरस्त के लिए फख्र की बात है, इसलिए हम इसे लगा रहे हैं। मैं इस मौके पर सभी से अपील करुंगा कि कोई भी खुबैब बनने की कोशिश न करे।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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