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उत्तर प्रदेश

पूरी होगी श्रद्धालुओं की मुराद, इसी माह पूर्ण होगा मंदिरों का कायाकल्प

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 प्रयागराज । सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 में आस्था अपने चरम पर होगी। गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन वाले पावन स्थल संगम पर जहां लाखों, करोडों लोग स्नान कर अपनी श्रद्धा प्रकट करेंगे तो वहीं प्रयागराज के पौराणिक मंदिरों में शीश नवाकर अपनी यात्रा को सुखमय और संपूर्ण बनाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियों के साथ-साथ प्रयागराज के मंदिरों के कायाकल्प का भी बीड़ा उठाया है जो अब समापन के करीब पहुंच गया है। पौराणिक महत्ता वाले प्रयागराज के तमाम मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का कार्य लगभग खत्म होने वाला है। ऐसी कुल 19 परियोजनाओं में से 17 परियोजनाएं 15 नवंबर तक पूर्ण कर ली जाएंगी, जबकि 2 परियोजनाएं 30 नवंबर तक हो जाएंगी पूर्ण हो जाएंगी। दीपावली के बाद इसमें और तेजी से कार्य किया जा रहा है।

तेज गति से चल रहा काम

हाल ही में लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा महाकुंभ की समीक्षा बैठक में इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं। इसमें बताया गया कि मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार से संबंधित परियोजनाओं में तीन प्रमुख विभाग कार्य कर रहे हैं। इसमें पर्यटन विभाग, स्मार्ट सिटी और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये तीनों ही विभाग आपसी समन्वय से इन सभी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करने में जुट गए हैं।

तत्परता से कार्य कर रहा पर्यटन विभाग

मंदिर कॉरिडोर और जीर्णोद्धार से संबंधित कुल 15 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिस पर पर्यटन विभाग काम कर रहा है। पर्यटन विभाग के अनुसार, 15 में से 14 परियोजनाएं 15 नवंबर तक पूर्ण कर ली जाएंगी, जबकि एक परियोजना 30 नवंबर तक पूर्ण होगी। 15 नवंबर तक पूर्ण होने वाली परियोजनाओं में भरद्वाज कॉरिडोर, मनकामनेश्वर मंदिर कॉरिडोर समेत द्वादश माधव मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर और 9 अन्य मंदिरों का जीर्णोद्धार शामिल है।

स्मार्ट सिटी और पीडीए ने भी बढ़ाई रफ्तार

इसी तरह, स्मार्ट सिटी 3 प्रमुख परियोजनाओं पर काम कर रहा है और तीनों ही परियोजनाएं 15 नवंबर पूर्ण हो जाएंगी। इसमें अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर और पातालपुरी कॉरिडोर जैसी प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं। वहीं, प्रयागराज विकास प्राधिकरण दो परियोजनाओं को मूर्त रूप दे रहा है। इसमें नागवासुकी मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 30 नवंबर तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है तो वहीं हनुमान मंदिर कॉरिडोर का कार्य 10 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

महाकुंभ की तैयारियां पूरी गति से आगे बढ़ रही हैं। मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का कार्य भी अंतिम चरण में चल रहा है। मेला प्रशासन ने महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आस्था के साथ ही सुविधा पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि उनकी यात्रा यादगार साबित हो।
विवेक चतुर्वेदी, अपर मेलाधिकारी, महाकुंभ

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उत्तर प्रदेश

लेटे हनुमानजी, अरैल-फाफामऊ पुल के नीचे, रीवा, मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग, बालसन चौराहा आदि स्थानों पर 45 दिन तक प्रतिदिन होंगी सांस्कृतिक प्रस्तुति

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लखनऊ |  योगी सरकार के निर्देशन में महाकुम्भ में 10 जनवरी से 24 फरवरी तक लोककलाओं के जरिए समूचे भारत का दर्शन होगा। इसके लिए उप्र संस्कृति विभाग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। वहीं 45 दिन तक प्रयागराज में 20 स्थानों पर लघु मंच बनेंगे, जहां भारत की संस्कृति का दीदार पर्यटक, श्रद्धालु व आमजन करेंगे। य़हां कई विधाओं पर आधारित लोकनृत्य की भी प्रस्तुति होगी। इसके अतिरिक्त नागवासुकि क्षेत्र में भी सांस्कृतिक मंच बनेगा, जहां रामलीलाओं को देख कल्पवासी व श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेंगे।

प्रयागराज शहर में इन 20 स्थलों पर बनेंगे लघु मंच

महाकुम्भ के दौरान संस्कृति विभाग की तरफ से प्रयागराज शहर के भीतर 20 स्थलों पर लघु मंच बनाए जाएंगे, जहां प्रदेश की विभिन्न लोककलाओं का 45 दिन तक प्रदर्शन होगा। विभाग की तरफ से यह स्थल चयनित कर लिए गए हैं। यह स्थान रीवा मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग पर नैनी चौराहा हनुमान मंदिर के बगल में, संगम बांध लेटे हनुमान जी मंदिर के समीप किले की दीवार से सटे खाली स्थान पर, गऊघाट में इविनिंग क्रिश्चियन कॉलेज के सामने, कीडगंज में मिंटो पार्क गेट के बगल, प्रदर्शनी स्थल के समीप खाली स्थान, किला चौराहा के कॉर्नर, हाईकोर्ट-धूमनगंज रोड-सुलेमसराय में नगर निगम चौराहा गेट नंबर-2 हॉस्पिटल के सामने, दरभंगा चौराहा के समीप, सिविल लाइंस पत्थऱ वाला चर्च के निकट विशप जॉनसन कॉलेज के निकट बस स्टॉप के बगल में, बालसन चौराहा पर महर्षि भारद्वाज की मूर्ति के नीचे खाली स्थान पर, जॉनसनगंज चौराहा के निकट खाली स्थान पर पुलिस बूथ के समीप, लोकसेवा आयोग की तरफ मिश्रा चौराहे के बाएं कोने पर, अलोपीबाग में गीता निकेतन गेट के बगल में उपनिदेशक उद्यान कार्यालय के समीप, मानसरोवर सिनेमा चौराहा-रामबाग रेलवे स्टेशन के समीप राजर्षि टंडन मंडप के सामने, यूनिवर्सिटी रोड चौराहा, पर पवन बिहार के बगल में, अरैल मोड़ पर फूल मंडी के बगल में, फाफामऊ पुल के नीचे गंगा किनारे नवनिर्मित सड़क के किनारे, गदा माधव तिराहा से मेला क्षेत्र जाने वाली सड़क किनारे, महर्षि भारद्वाज तिराहा पर मेला क्षेत्र में जाने वाले सड़क के किनारे, नागवासुकि मंदिर के समीप खाली स्थान पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

इन मंचों पर उतरेगा समूचा भारत, 10 हजार से अधिक कलाकारों को मिलेगा मंच

प्रयागराज में बनाए जाने वाले 20 लघु मंचों पर समूचा भारत उतरेगा। यहां फरुआही, धोबिया, मयूर, करमा, वनटांगिया, थारू, अवधी, ढेढ़िया, चांचर, राई, पाई-डंडा, सैरा, बधावा समेत अनेक लोकनृत्यों की प्रस्तुति होगी। यहां प्रतिदिन अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक प्रत्येक मंच पर कार्यक्रम होंगे। इसमें प्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक लोक कलाकारों को मंच मिलेगा।

नागवासुकि क्षेत्र में बने मंच पर रामलीलाओं से भी आध्यात्मिक ऊर्जा का होगा संचार

संस्कृति विभाग की तरफ से मेजबान उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की रामलीलाएं भी महाकुम्भ के दौरान होंगी। कल्पवासी, श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता रहे, इसके लिए रामलीलाओं का भी मंचन होगा। द्वितीय मंच नागवासुकि क्षेत्र में बनेगा, जहां रामलीलाओं का मंचन होगा। यहां मेजबान उत्तर प्रदेश की कई रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके साथ ही अनेक राज्यों का भी मंचन होगा। इसमें भारतीय लोककला मंडल (उदयपुर), योगेश अग्रवाल व दल (छत्तीसगढ़), अशोक मिश्र व दल (बालाघाट-मध्य प्रदेश), रत्नाककर ड्रामेटिक आर्ट प्रोडक्शन (दिल्ली), मिथिलांचल अवध आदर्श रामलीला फाउंडेशन (सीतामढ़ी-बिहार), तीर्थवासी वहेरा (ओडिशा),मां नंदा महिला रामलीला मांगला योग समिति महादेव सुविधानगर (रूद्रप्रयाग उत्तराखंड), श्रीराम भारतीय कला केंद्र (दिल्ली), देवेंद्र बैरागी व दल (भोपाल-मध्य प्रदेश), आंजनेय कला मंडल (सतना-मध्य प्रदेश) आदि के कलाकारों द्वारा रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके अतिरिक्त मेजबान उत्तर प्रदेश के भी अनेक जनपदों से कलाकार यहां रामलीलाओं का मंचन करेंगे।

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