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उत्तर प्रदेश

पढ़ाई से बचने के लिए बच्चे ने उठाया ऐसा कदम, परिवार ही नहीं पुलिस भी हैरान

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Gorakhpur crime news

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लखीमपुर। यूपी के लखीमपुर में चौथी क्लॉस के बच्चे ने पढ़ाई से बचने के लिए ऐसा तरीका निकाला जिसे जानकर परिवार ही नहीं पुलिस भी हैरान है। दरअसल, पढ़ाई व एग्जाम से बचने के लिए बच्चे ने खुद की किडनैपिंग की साजिश रच डाली।

मिली जानकारी के अनुसार रुकुंदीपु इलाके में रहने वाला 11 साल का शिवांक सरदार पटेल स्कूल में पढ़ता है। शिवांक साइकिल से स्कूल जाने के लिए घर से निकला लेकिन स्कूल पहुंचा ही नहीं। पश्चिम गोला रोड़ पर टोलगेट के पास उसकी साइकिल और बैग पड़ा मिला। जानकारी मिलते ही शिवांक के पिता ने पुलिस को सूचित किया।

बच्चे के गायब होने की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली, पुलिस ने कई टीमें बनाकर बच्चे की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने ड्रोन कैमरा लगाकर बच्चे को ढूढ़ने की कोशिश शुरू कर दी।

कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने शिवांक को पुराना गांव के पास जंगल की झाड़ियों से सकुशल बरामद किया, लेकिन जब हकीकत सामने आई तो हर कोई दंग रह गया। दरअसल बच्चे को किसी ने किडनैप नहीं किया था बल्कि उसने खुद ही अपनी किडनैपिंग की साजिश रची थी। शिवांक ने बताया कि वो पढ़ना नहीं चाहता और माता-पिता ने उसे जबर्रदस्ती स्कूल भेजा था। इसी से तंग आकर उसने ये कदम उठाया।

गौरतलब है कि पिछले दिनों गाजियाबाद में स्कूल और पढ़ाई से बचने के लिए एक बच्चे ने जेल जाने का फैसला किया और इसी योजना के तहत उसने अपने दोस्त का पहले गला दबाकर मर्डर किया और फिर बीयर की बोतल से उसका गला रेतकर उसकी हत्या कर दी थी।

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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