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प्रादेशिक

कोरोना की बेकाबू लहर को रोकने के लिए इन दो राज्यों ने किया संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में लोगों को तेजी से अपना शिकार बना रही है। देश में हर दिन लाखों की संख्या में यह खतरनाक वायरस लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है।

इस संक्रमण पर काबू पाने के लिए कई राज्यों ने सख्तियां बढ़ाई लेकिन फिलहाल कोरोना के नए मामलों पर ब्रेक लगता नहीं दिख रहा है। इस संक्रमण के काबू पाने के लिए दो राज्यों ने पूर्ण लाकडाउन की घोषणा कर दी है।

मिजोरम और तमिलनाडु की सरकार ने इस महामारी से जंग जीतने के लिए राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर दिया है। मिजोरम के चीफ सेक्रेटरी ललनुनमाविया चुआउंगो ने राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी किया है।

मिजोरम में यह लॉकडाउन 10 मई से 7 दिनों के लिए लगाया है। वहीं तामिलनाडु में 14 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस दौरान दोपहर 12 बजे तक प्रोविजनल स्टोर के साथ ही सब्जी, मीट और मछली की दुकानें खोलने की इजाजत होगी।

सरकार की शराब की दुकानें भी लॉकडाउन के दौरान बंद रहेंगी। रेस्टोरेंट्स से टेक अवे सेवा जारी रहेगी। आवश्यक सेवाओं को छूट होगी. इसके अलावा अन्य घर से काम कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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