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उत्तर प्रदेश

उप्र निकाय चुनाव: शुरुआती रुझान में सपा का सूपड़ा साफ, भाजपा 15 तो बसपा को 2 सीट

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Counting of votes for UP civic elections

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है, परिणाम थोड़ी देर में आने लगेंगे। शुरुआती रुझानों में नगर निगम में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। नगर निगम के 17 सीटों के शुरुआती दौर में भाजपा 15 तो बसपा 2 सीट पर आगे है।

नगर निगमों के नतीजे दोपहर बाद तक, नगर पंचायत और नगर पालिकाओं का देर शाम तक आने की उम्मीद है। यूपी में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों यानी कुल 760 नगरीय निकायों में चुनाव हुआ था।

गाजियाबाद में कांटे की टक्‍कर

गाजियाबाद नगर निगम के चुनाव में कांटे की टक्‍कर देखने को मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) में कड़ा मुकाबला है। फिलहाल बीजेपी उम्‍मीदवार सुनीता दयाल आगे चल रही हैं। सपा की पूनम यादव दूसरे नंबर पर हैं।

मुरादाबाद में पहले राउंड में भाजपा आगे

मुरादाबाद मंडी समिति में नगर निगम के मतों की गिनती शुरू हो गई है। पहले राउंड में भाजपा के विनोद अग्रवाल को 8768, कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान को 3628, बसपा के यामीन 2186 और सपा के रईसुद्दीन 623 को मत मिले हैं।

अलीगढ़ में भी भाजपा आगे

भाजपा : 10298

सपा : 4692

बसपा : 3230

शाहजहांपुर में भाजपा को बढ़त

शाहजहांपुर में पहले चरण की मतगणना पूरी हो गई है। भाजपा की महापौर पद प्रत्याशी अर्चना वर्मा ने बढ़त बना ली है। उन्हें 5983 मत प्राप्त हुए हैं। जबकि दूसरे स्थान पर कांग्रेस की निकहत इकबाल हैं। उन्हें 2023 वोट मिले। सपा की माला राठौर को 1633 मत प्राप्त हुए हैं।

 

उत्तर प्रदेश

अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनी सहारा

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योगी सरकार द्वारा शुरू की गई “उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)” अनाथ और जरूरतमंद बच्चों के लिए एक नई आशा लेकर आई है। अगस्त 2021 में शुरू की गई इस योजना से योगी सरकार बच्चों और किशोरों को सहायता प्रदान कर रही है जिन्होंने कोरोना से इतर कारणों से अपने माता-पिता, किसी एक अभिभावक या संरक्षक को खो दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना अनाथ बच्चों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान नहीं कर रही है, बल्कि बच्चों और युवाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

योजना के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हर माह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह सहायता उन बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें माता-पिता के निधन के बाद आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। योगी सरकार ने इन बच्चों की आर्थिक और शैक्षिक आवश्यकताओं को समझते हुए इस योजना को लागू किया, जो अब लाखों बच्चों की मदद कर रही है।

बच्चों की शिक्षा और भविष्य निर्माण पर विशेष जोर दे रही योगी सरकार

इस योजना का लाभ केवल 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तक सीमित नहीं है। 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर और युवा, जिन्होंने कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और जो राजकीय डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थानों से स्नातक की डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें भी इस योजना के तहत सहायता दी जाती है। यह कदम न केवल युवाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक है। नीट, जेईई और क्लैट जैसी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को भी इस योजना के अंतर्गत विशेष सहायता प्रदान की जा रही है। इन छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने तक या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, योजना का लाभ दिया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 29,029 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से मिला लाभ

योगी सरकार की इस योजना ने पहले ही हजारों बच्चों और युवाओं की जिंदगी बदल दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 29,029 बच्चों को इस योजना के तहत चिन्हित कर लाभान्वित किया गया है। ये आंकड़े बताते हैं कि योजना जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी और सफल रही है। इस योजना ने अनाथ बच्चों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया है। आर्थिक सहायता के साथ-साथ, यह पहल उन्हें अपने जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने में मदद कर रही है। योजना न केवल उनके जीवन स्तर को सुधार रही है, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और नई उम्मीदें जगा रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का यह कदम न केवल प्रभावित बच्चों और युवाओं के जीवन में बदलाव ला रहा है, बल्कि समाज में समावेशिता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा दे रहा है।

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