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प्रादेशिक

सीएम योगी के 3टी फॉर्मूले से लगातार कम हो रहा कोरोना संक्रमण, एक्टिव केस घटकर हुए 58 हजार

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नई दिल्ली। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में 3 टी के अन्तर्गत एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट का अभियान चलाया जा रहा है। 3 टी के तहत प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने, ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाने, आंशिक कफ्र्यू तथा वैक्सीनेशन पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कुल एक्टिव केसों तथा  कोविड के प्रतिदिन के मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि 3 टी, एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, आंशिक कोरोना कफ्र्यू तथा टीकाकरण इन 5 तत्वों से मिलकर आज प्रदेश में संक्रमण दर 82 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जो रणनीति अपनाई है उसी का नतीजा है कि जो 3,10,783 से अधिक एक्टिव केस 30 अप्रैल तक थे वो आज घटकर लगभग 58 हजार एक्टिव केस हैं। एक समय में 24 घंटे में 38 हजार से अधिक संक्रमित मामले आ रहे थे वे भी घटकर आज लगभग 3 हजार रह गये हैं।

प्रतिदिन आने वाले मामलों में 90 प्रतिशत की कमी आई है। टेस्ट की संख्या बढ़ाये जाने पर भी निरन्तर नये केस में कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि कई राज्यों द्वारा टेस्ट की संख्या घटाई गयी है वहीं उत्तर प्रदेश में टेस्ट की संख्या को 2.50 लाख से बढ़ाकर 03 लाख से अधिक किया गया है। प्रदेश में एक समय पर पाॅजिटिविटी रेट 22 प्रतिशत थी जो अब घटकर 1 प्रतिशत रह गयी है। प्रदेश में रिकवरी रेट का प्रतिशत भी अब 80 प्रतिशत से बढ़कर अब 95.4 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने बताया कि 01 जून से प्रदेश के सभी जनपदांे में 18-44 वर्ष आयु वर्ग वालों का टीकाकरण किया जायेगा।

श्री सहगल ने बताया कि 05 मई से 97 हजार राजस्व गांवों में निगरानी समिति कोरोना संक्रमण की पहचान कर रही हैं तथा मेडिकल किट निःशुल्क बांटी जा रही हंै। निगरानी समितियों के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। यदि लक्षण हैं परन्तु एन्टीजन टेस्ट में निगेटिव आता है तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी किया जा रहा है। जो 1.50 लाख से अधिक आरटीपीसीआर के टेस्ट हुए हैं उनमें से आधे से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के टेस्ट किये गये हैं। गाँव में संक्रमित लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन/स्कूल/सरकारी इमारतों में आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है।

श्री सहगल ने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी जनपद सिद्धार्थनगर तथा बस्ती के गांव में जाकर स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी 18 मण्डलों के साथ 40 जनपदों में जाकर व्यवस्था की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने आज टीम-9 की समीक्षा बैठक में ब्लैक फंगस पर चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि दवाई की कठिनाई न आने पाये। अगर तुरन्त इंजेक्शन मिलने में कठिनाई आ रही हो तो  जो भी वैकल्पिक दवाइयां हों मरीज को उपलब्ध कराई जाय। एक अभियान चलाकर 05 हजार से अधिक पीएचसी, सीएचसी में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि कोई भी पीएचसी, सीएचसी को गोद लें और उसकी निरन्तर निरीक्षण भी करते रहें। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग से समन्वय करके वहां सुविधाएं उच्चीकृत करते रहें।

श्री सहगल ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में आॅक्सीजन की समुचित मात्रा उपलब्ध है। लगभग 572 मी0टन आॅक्सीजन की सप्लाई की गयी है। लगभग 400 से अधिक आॅक्सीजन के प्लांट विभिन्न अस्पतालों के लिए, पीएचसी, सीएचसी के लिए स्वीकृत हो चुके हैं और उनमें काम भी शुरू हो गया है। लगभग 55 आॅक्सीजन प्लांट कार्यरत हैं। इनमें अधिकतर ऐसे प्लांट हैं जो कि वातावरण से आॅक्सीजन बनाते हैं। मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि कम्युनिटी किचन की संख्या बढ़ाई जाय। कल लगभग 45 हजार से अधिक फूड पैकेट बांटे गये। इसकी प्रत्येक शहरों में संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 07 लाख 28 हजार से अधिक किसानों से 36,39,104.12 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है। कल मुख्यमंत्री जी स्वयं गेहूं क्रय केन्द्रों पर गये थे उन्होंने किसानों से जानकारी ली कि किसी प्रकार की कोई कठिनाई तो नहीं है। मुख्यमंत्री जी ने आयुक्त एवं सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे स्वयं और अपने अधीनस्थों के माध्यम से क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करते रहें ताकि किसानों को कोई कठिनाई न आये। खरीफ की तैयारी के लिए भी कोरोना कफ्र्यू में बीज-खाद की दुकानें खोली गयी हैं, इसके साथ-साथ जो कृषि संयत्र की मरम्मत करते हैं उनकी दुकानों को भी खोला गया है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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