प्रादेशिक
कोरोना टीकाकरण के मामले में यूपी बना नंबर वन
लखनऊ। यूपी ने कोरोना टीकाकरण में दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए अपने नाम एक नया रिकार्ड हासिल किया है। महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, वेस्ट बंगाल समेत दूसरे कई राज्यों से आगे निकल 3 करोड़ 59 लाख से अधिक टीकाकरण की डोज दी हैं। यह आंकड़ा देश के दूसरे प्रदेशों से कहीं अधिक है।
यूपी टीकाकरण के साथ ही सर्वाधिक जांच में भी अव्वल है। ट्रिपल टी की रणनीति व टीकाकरण से यूपी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नियंत्रण में हैं। प्रदेश में वृहद टीकाकरण अभियान के तहत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ के मूल मंत्र पर टीकाकरण किया जा रहा है।
प्रदेश में वैक्सीन की पहली खुराक तीन करोड़ तीन लाख से अधिक और 55 लाख से अधिक वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है। गुरूवार को प्रदेश में छह लाख से अधिक वैक्सीन की डोज दी गई। बता दें कि एक जुलाई से हर दिन न्यूनतम 10 लाख लोगों को टीका-कवर देने का लक्ष्य यूपी सरकार ने निर्धारित किया था। जिसके तहत छह जुलाई को प्रदेश में दस लाख वैक्सीन की डोज दी गई। एक दिन में अब सबसे अधिक वैक्सीन की डोज लगाकर योगी सरकार ने रिकार्ड बनाया है।
प्रदेश में 10 लाख तीन हजार 435 वैक्सीन की डोज दी गई। इससे पहले बीते 24 जून को नौ लाख तीन हजार लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई थी। यूपी में टीकाकरण अभियान को गति देते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्तर पर टीकाकरण किया जा रहा है। 31 अगस्त तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मिशन जून के तहत प्रदेश सरकार ने एक करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन प्रदेश में इससे कहीं अधिक एक करोड़ 29 हजार टीके की डोज दी गई।
छह करोड़ से अधिक कोरोना की जांच करने वाला पहला राज्य होगा यूपी
एग्रेसिव ट्रेसिंग और टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की नीति ने यूपी में कोरोना नियंत्रण में मददगार रही है। यूपी 06 करोड़ से अधिक कोरोना की जांच करने वाला पहला राज्य होने जा रहा है। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 98 लाख 48 हजार 583 से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 2,59,174 कोविड सैम्पल की जांच की गई। यह देश में किसी एक राज्य द्वारा की गई सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग है। कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति के बावजूद भी यूपी में एग्रेसिव टेस्टिंग जारी रखी जाने के निर्देश सीएम योगी ने दिए हैं।
महज 112 नए संक्रमण के ममाले, 258 लोगों ने दी कोरोना को मात
लगातार कोशिशों से यूपी में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की स्थिति नियंत्रण में है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 112 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, जबकि इस दौरान 258 लोगों ने कोरोना संक्रमण को मात दी। 30 अप्रैल के बाद से एक्टिव केस में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और वर्तमान में 1,789 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर और बेहतर होकर 98.6 प्रतिशत हो गई है। अब तक 16 लाख 82 हजार से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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