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प्रादेशिक

यूपी में एक नवंबर से होगी क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरूआत, गांव और शहरों में टीकाकरण से छूटे लोगों को किया जाएगा चिन्हित

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लखनऊ। कोरोना टीकाकरण अभियान में उत्‍तर प्रदेश दूसरे प्रदेशों से कहीं आगे है। प्रदेश ने सर्वाधिक टीकाकरण कर दूसरे प्रदेशों के समक्ष एक नजीर पेश की है। सीएम योगी आदित्‍यनाथ के निर्देशानुसार एक सधी रणनीति के तहत तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेशवासियों को जल्‍द से जल्‍द टीकाकवर देने के उद्देश्‍य से प्रदेश में क्लस्टर अप्रोच को लागू किया गया था। जिसके तहत 19 अक्‍टूबर तक प्रदेश में लगभग 64 फीसद लोगों को टीके की पहली डोज और 19 फीसद लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है।

ग्रामों में क्लस्टर अप्रोच की सफलता को देखते हुए एक बार फिर से प्रदेश सरकार क्लस्टर अप्रोच 2.0 की शुरूआत करने जा रही है। टीकाकरण की दूसरी डोज की रफ्तार बढ़ाने के लिए वर्तमान में लागू टीकाकरण की व्यवस्थाएं फिक्स बूथ क्लस्टर अप्रोच, मेगा वैक्सीनेशन डे पहले की तरह लागू रहेंगे। प्रदेश में दूसरी डोज वैक्सीनेशन को वरियता देते हुए शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा। क्लस्टर मॉडल के जरिए जिन ग्रामों, मोहल्लों में प्रथम डोज लगाने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया था, उन ग्रामों में क्लस्टर मॉडल के तहत दूसरी डोज को लगाने का काम किया जाएगा।

एक नवंबर से शुरू होगा क्लस्टर मॉडल 2.0

टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज के निर्धारित लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश में एक बार फिर से क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरूआत एक नवंबर से होने जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए ग्रामों को तीन वर्गों में बांट कर टीकाकरण किया जाएगा। जिस ग्राम पंचायत में पहली डोज पूरी तौर पर ग्रामवासियों की दी जा चुकी होगी वहां दूसरी डोज देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, इतना ही नहीं उस गांव को “प्रथम डोज संतृप्त ग्राम” की संज्ञा देने के साथ ही वहां के ग्राम प्रधान को सम्मानित भी किया जाएगा। वहीं दोनों डोज पूरी करने वाले ग्राम को कोविड सुरक्षित ग्राम की संज्ञा दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लाक स्तर पर सहभागी संस्थाओं (डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ समेत अन्‍य) के सहयोग से ग्रामों को वरियता देते हुए क्लस्टर मॉडल कार्ययोजना बनाई जाएगी।

लोगों को किया जाएगा चिन्हित

प्रदेश में टीकाकरण टीम के साथ काम करने वाले मोबिलाइजर्स (आशा, आंगनबाडी, लिंक वर्कर) के द्वारा टीकाकरण दिवस पर क्षेत्र में टीकाकरण से छूटे हुए लोगों को चिन्हित किया जाएगा। ऐसे लोगों से संवाद स्‍थापित कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है उनके लिए सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक कम कम एक फिक्सड कोविड टीकाकरण सत्र का संचालन किया जाएगा जिसमें दो शिफ्टों में टीमें काम करेंगी।

विशेष रणनीति अपनाकर यूपी बना टीकाकरण में अव्‍वल

भारत ने आज सौ करोड़ मुफ्त वैक्‍सीन की डोज देकर दुनिया के समक्ष नजीर पेश की है। जिसमें उत्‍तर प्रदेश ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुरू से ही कोरोना महामारी से निपटने में एक मजबूत हथियार के रूप में टीकाकरण अभियान पर विशेष जोर दिया। सर्वाधिक आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश ने देश के दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए कम समय में सबसे अधिक वैक्‍सीन की डोज दी है। 24 करोड़ वाली आबादी वाले यूपी में अब तक 12 करोड़ 54 लाख से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है। जिसमें 09 करोड़ 58 लाख से अधिक पहली डोज और 02 करोड़ 95 लाख से अधिक दूसरी डोज दी जा चुकी है।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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