प्रादेशिक
मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के तहत 1253 किसान लाभान्वित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 1253 कृषक चयनित हुए।
इनमें 290 कृषकों में से 69 उपहार स्वरूप 2.56 करोड़ रुपये के टैªक्टर तथा 221 कृषकों को 1.46 करोड़ रुपये के अन्य उपहार वितरित किये गए। इसके अतिरिक्त 963 लाभान्वित कृषकों हेतु उपहार क्रय हेतु कार्यवाही जेम पोर्टल के माध्यम से की जा रही है।
मण्डी परिषद से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना के अन्तर्गत संचालित योजनाओं में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना, मुख्यमंत्री खेत-खलिहान अग्निकाण्ड दुर्घटना सहायता योजना, मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना तथा मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 में अब तक 58417 कृषक लाभान्वित हुए है।
जिन पर 9557.93 लाख रुपये का व्यय हुआ है। मण्डी परिषद अपनी विभिन्न किसान हितैषी योजनाओं के माध्यम से कृषकों के आर्थिक उत्थान हेतु कटिबद्ध है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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