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प्रादेशिक

यूपी सरकार ने ओलंपिक पदक विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

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लखनऊ। खेल प्रतियोगिताओं में ओलंपिक खेलों का अहम स्थान है। इस बार ओलंपिक खेलों का आयोजन टोक्यो में किया गया। टोक्यो ओलंपिक में प्रदेश और देश के खिलाड़ियों ने बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया। भारत ने इस ओलंपिक में एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदकों पर कब्जा किया। खेलों में खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए उनके प्रोत्साहन की अहम भूमिका होती है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेताओं के प्रोत्साहन में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रादेशिकता की भावना को दरकिनार कर भारत के लिए मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में पदक विजेताओं के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया।

उनके साथ राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि वे जान लगाकर देश के लिए खेलते हैं। ये खिलाड़ी एक प्रदेश का नहीं बल्कि समूचे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इस सम्मान समारोह में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा को दो करोड़ रूपये दिए गए। रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और पहलवान रवि दहिया को डेढ़-डेढ़ करोड़ दिए गए। कांस्य जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी0वी0 सिंधु, बॉक्सर लवलीना, पहलवान बजरंग पुनिया को एक-एक करोड़ का पुरस्कार दिया गया। कांस्य पदक जीतने वाली पुरूष हॉकी टीम के सभी खिलाड़ियों को एक-एक करोड़, मुख्यकोच को पच्चीस लाख और सहयोगी स्टाफ के अन्य सभी सदस्यों को दस-दस लाख रूपये के चेक दिये गये।

महिला हॉकी टीम के सभी सदस्यों को पचास-पचास लाख, मुख्यकोच को पच्चीस लाख एवं स्टॉफ को दस-दस लाख रूपये के चेक दिये गये। चौथे स्थान पर रहे पहलवान दीपक पूनिया एवं गोल्फर अदिति अशोक को पचास-पचास लाख रूपये, चानू के प्रशिक्षक को भी दस लाख रूपये का पुरस्कार दिया गया। प्रदेश सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी का पद प्रदान करने की व्यवस्था की है। साथ ही खिलाड़ियों को मिलने वाली अनुदान राशि में भी वृद्धि की घोषणा की गई है।

प्रदेश सरकार ने कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए इस खेल को दस साल के लिए गोद लेने का फैसला भी किया है। इसके अलावा खेल छात्रावासों में खिलाड़ियों की प्रतिदिन खुराक राशि 250 रूपये से बढ़ाकर 375 रूपये कर दी गयी है। लखनऊ में कुश्ती अकादमी की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों के कारण खेलों के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ा है।

न केवल ओलंपिक खेलों में बल्कि अन्य अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए पुरस्कारों की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है। इसके लिए एशियन गेम्स और कॉमन वेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीवने वाले खिलाड़ी को तीस लाख रूपये और कांस्य पदक जीवने वाले को पन्द्रह लाख रूपये देने की व्यवस्था की गयी है। यदि समग्ररूप से विचार किया जाए तो प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की नीति निश्चित रूप से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन को शीर्ष पर ले जाएगी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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