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मुख्य समाचार

प्रियंका गांधी के यूपी दौरे पर सिद्धार्थनाथ सिंह ने ली चुटकी, कही ये बात

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लखनऊ। पर्यटन दिवस के दिन प्रियंका गांधी एक बार फिर यूपी के पर्यटन पर निकल चुकी हैं। जल, थल और वायु यात्रा कर चुकीं  प्रियंका और कांग्रेस को न प्रदेश की थाह मिल पा रही है और न चुनाव लड़ने के लिए प्रत्‍याशी। भ्रष्‍टाचार और तुष्टिकरण की पर्याय कांग्रेस को यूपी में ठिकाना नहीं मिल पा रहा है। यह बात प्रदेश सरकार के प्रवक्‍ता और कैबिनेट मंत्री और सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को कही।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के यूपी दौरे पर चुटकी लेते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पर्यटन दिवस पर कांग्रेस के सियासी पर्यटक भी यूपी पहुंच रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तुष्टिकरण और जाति धर्म की  सियासत की बयार चलना बंद हो चुकी है। मस्जिदों के अंदर मेनिफेस्‍टो बांटने वालों को यह समझना होगा कि यह प्रदेश किसी एक जाति या धर्म के आधार पर नहीं चलेगा। जनता कांग्रेस की यह तुष्टिकरण वाली राजनीति देख रही है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यूपी बदल चुका है।

अब यहां शिक्षा, रोजगार, विकास, बेहतर  स्वास्‍थ्‍य  सेवाओं की चर्चा होती है। चुनावी स्‍वार्थ्‍य के लिए  सियासत को सांप्रदायिक रंग दे कर अपने चेहरे की रंगत चमकने की प्रियंका गांधी की कोशिशें कभी कामयाब नही हो सकतीं हैं । उत्तरप्रदेश की जनता को विकास का वह स्‍वाद मिल चुका है जो योगी सरकार के पहले उसे कभी नहीं मिला था। प्रियंका जी को इस वक्त विधान सभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तक नही मिल रहे हैं । कोई कांग्रेस को 11 हजार रुपए का नेग देने तक को तैयार नहीं है।

प्रियंका गांधी को उनकी मम्मी और भाई ने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन जब से उनके कदम यहां पड़े हैं, कांग्रेस के पुराने कारिंदों ने ही कांग्रेस से किनारा कर लिया है। वो अब नारा लगाते हैं, प्रियंका गांधी आई हैं, नया अंधेरा लाई हैं।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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