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उत्तर प्रदेश

उप्र विधानपरिषद: कांग्रेस साफ़, बसपा एक; छिना सपा का नेता प्रतिपक्ष का दर्जा

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लखनऊ। उप्र विधानपरिषद में सभी विपक्षी दलों को को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी से उसका नेता प्रतिपक्ष का दर्जा छिन गया है।बसपा का सिर्फ एक ही सदस्य बचा है, जबकि कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं है। वहीं भाजपा के 73 सदस्य हो गए हैं। दरअसल, गुरुवार को 10 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया।

इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 10 से नीचे आ गई। इससे सपा से नेता प्रतिपक्ष का दर्जा छिन गया है। सपा की ओर से लाल बिहारी यादव की नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। अब वह केवल सपा दल के नेता के रूप में रहेंगे। विधानपरिषद के प्रमुख सचिव डा. राजेश सिंह ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।

विधान परिषद की कुल सीटों का दस फीसदी यानी न्यूनतम दस सदस्य होने पर ही नेता विरोधी दल का पद दिया जाता है लेकिन अखिलेश यादव की सपा अब नौ पर सिमट गई है। परिषद के नए नियुक्त 13 सदस्यों का कार्यकाल शुरू हो गया। ये सदस्य पिछले महीने चुने गए थे।

सपा के लाल बिहारी यादव को 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। उन्हें संजय लाठर का कार्यकाल खत्म होने पर यह पद दिया गया था। उस समय सपा की सदस्य संख्या 11 थी।

गुरुवार को परिषद के विशेष सचिव जय चन्द्र मौर्या ने आदेश जारी किया है कि भाजपा के केशव प्रसाद मौर्या व भूपेन्द्र सिंह दोबारा विधान परिषद में निर्वाचित हो गए हैं। इनका भी कार्यकाल सात जुलाई को खत्म हो रहा था।

इसके अलावा कांग्रेस के दीपक सिंह समेत सपा के शतरुद्र प्रकाश, जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डा कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुंदर दास निषाद, बसपा के अतर सिंह रावत, दिनेश चन्द्रा व सुरेश कुमार कश्यप का कार्यकाल खत्म हुआ।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा

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गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।

दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।

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