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आशुतोष टंडन ने नगर पालिकाओं के अध्यक्ष संग की तीसरी वर्चुअल बैठक, दिए ये निर्देश

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लखनऊ। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार को तीसरी वर्चुअल बैठक नगर पालिकाओं के अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारियों(ईओ) संग आयोजित की। बैठक में 7 मण्डल में जिसमें लखनऊ, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज सहारनपुर, वाराणसी की 79 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारियों(ईओ) जुड़े। मंत्री द्वारा इससे पूर्व 124 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारियों(ईओ) के साथ कोविड-19 के दृष्टिगत बैठक की जा चुकी है। मंत्री ने निर्देशित किया कि प्रदेश भर में सक्रिय मोहल्ला निगरानी समितियां मोहल्ले में आने वाले प्रवासियों की ट्रेसिंग करेंगी। जिससे कोविड 19 के संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के समस्त स्थानीय निकायों (नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों) में कुल 12016 निगरानी समितियां गठित की गई, जिनके द्वारा प्रवासियों की ट्रेसिंग, कोरोना संक्रमितों को सुविधा देने जैसे तमाम कार्य किये जा रहे हैं।

नगर विकास मंत्री ने निर्देशित किया कि स्वच्छता कर्मी या फ्रंटलाइन वर्कर्स के कोरोना संक्रमित होने पर उसका व उसके परिवार विशेष तौर पर ध्यान देते हुए उसका उपचार करवाया जाये। साथ ही उन्हें सुरक्षा किट ग्लब्ज, पीपीई किट, सैनिटाइजर आदि दिया जाए। उनका वैक्सीनेशन किया जाए। इसके अलावा कोविड 19 के प्रति जागरुकता के लिए पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम का प्रयोग किया जाये। मंत्री जी ने निर्देशित किया कि मोहल्ला निगरानी समिति को कोविड 19 के प्रति जागरुकता के लिए सारी सामाग्री दी जाये। साथ ही निगरानी समितियों को वार्ड में होने वाली मीटिंग में जाने के निर्देश दिए गए।

आशुतोष टंडन जी ने कहा कि वार्डों में नगर पालिका परिषदों के द्वार जो सैनिटाइजेशन का कार्य हो रहा है। उसे एक अभियान के तौर पर किया जाये और प्रतिदिन दिन में तीन बार किया जाये। साथ ही सभी वार्डों का रोस्टर बनाकर सैनिटाइजेशन किया जाये। बड़े बजारों व प्रमुख स्थानों पर अभियान चलाकर सैनिटाइजेशन किया जाये। इसके अलावा वीकेंड कर्फ्यू में क्षेत्रों में व्यापक सैनिटाइजेशन व स्वच्छता अभियान चलाया जाये। वहीं कंटेनमेंट जोन से निकलने वाले वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण किया जाये।

आशुतोष टंडन जी ने ग्रीष्म ऋतु से पहले शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाने के निर्देश दिए। ग्रीष्म ऋतु से पहले नालों की सिल्ट साफ की जाये। वार्डों में घर घर कूड़ा उठाने का अभियान चलाया जाए। इसके साथ साथ सैनिटाइजेशन किया जाए। सैनिटाइजेशन में सोडियम हाइपोक्लोराइड की मात्रा मानक के अनुरूप रखी जाये।

वर्चुअल मीटिंग में मंत्री जी ने चेयरमैन से वार्ता की जिसमें उन्हें बताया कि वार्डों में  नाले की साफ सफाई हो रही है। सकरी गलियों में छोटी गाड़ियों से सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। वार्डों को दो भागों में बांटकर सैनिटाइजेशन का कार्य हो रहा है। नलकूपों से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। सफाई के दृष्टिगत मोबाइल टायलेट लगाया गया है। इसके अलावा वाटर एटीएम के माध्यम से राहगीरों को शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध कराया जा रहा है। रेलवे स्टेशन व बस स्टेशनों पर भी निगरानी समिति लगाई जा रही जहां से प्रवासियों की ट्रेसिंग की जा रही है। सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में भी सैनिटाइजेशन किया जा रहा है।

वर्चुअल बैठक में सचिव नगर विकास विभाग श्री अनिल कुमार, नगरीय निकाय निदेशालय की निदेशक श्रीमती शकुन्तला गौतम, विशेष सचिव नगर विकास विभाग श्री इंद्रमणि त्रिपाठी समेत 7 मण्डल की 79 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारियों (ईओ) जुड़े रहे।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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