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प्रादेशिक

पीएम मोदी की सहजता की मुरीद हुईं बीसी सखी शबाना परवीन

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं की सुरक्षा, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लिए सिर्फ नारे ही नहीं देते, बल्कि धरातल पर यह सबकुछ संभव दिखे इसके लिए आत्मीय पहल भी करते हैं। महिला आत्मनिर्भरता को लेकर पीएम मोदी की भावनात्मक और प्रेरणादायी पहल की साक्षी बनीं सहारनपुर की बैंकिंग कारेस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) शबाना परवीन। पीएम ने न केवल इस बीसी सखी से बात की बल्कि उनकी नौ माह की गुड़िया सिदरा पर भी प्यार-दुलार बरसाया। शबाना पीएम की सहजता की मुरीद हो गई हैं। उनका कहना है कि जिस देश में प्रधानमंत्री खुद सीधे गांव की महिलाओं से जमीनी संवाद करते हों, उस देश की तरक्की को कोई रोक नहीं सकता।

प्रयागराज में मातृशक्ति महाकुम्भ में प्रधानमंत्री ने मंगलवार को जहां नारी शक्ति, देश की शक्ति का मंत्र दिया तो वहीं उन्होंने सरकारी प्रोत्साहन व योजनाओं से जुड़कर स्वावलंबन से आत्मनिर्भरता की डगर पर बढ़ चलीं महिलाओं से संवाद भी किया। यह संवाद बिलकुल ही अनौपचारिक भाव में रहा, बेलौस। प्रधानमंत्री और स्वावलंबी हो रही महिला के बीच, बिना किसी हस्तक्षेप के।
पीएम मोदी से बातचीत करने वालीं सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारन ब्लाक के ग्राम सिरसलिकलां की बीसी सखी शबाना परवीन को यकीन ही नहीं हो रहा कि आज उनसे देश के प्रधानमंत्री खुद मुखातिब थे। उनके कार्यों के बारे में इत्मीमान से सुन रहे थेे, उन्हें और आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे थे। यही तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहजता है। पीएम ने शबाना से उनके काम के बारे में पूछा, जानना चाहा कि एक नन्हीं सी गुडिया की देखभाल के बीच वह बैंकिंग कामकाज कैसे करती हैं?

शबाना बताती हैं कि जब प्रधानमंत्री आए तो इतने बडे ओहदे के व्यक्तित्व के सामने कुछ संकोच हो रहा था, गला भारी हुआ पड़ा था, लेकिन पीएम मोदी की संवाद सरलता से वह भी बेतकल्लुफ होकर उनके सवाल का जवाब देती रहीं। उन्होंने पीएम को बताया कि उनके गांव से बैंक आठ किमी दूर है। इससे बुजुर्गों, महिलाओं व दिव्यांगों को असुविधा होती थी। बीसी सखी की योजना इनके लिए वरदान साबित हुई है। शबाना ने प्रधानमंत्री को बताया कि नवम्बर में उन्होंने बीसी सखी के रूप में कार्य करना शुरू किया तो गांव के बुजुर्गों, महिलाओं व दिव्यांगों को बैंक जाने की परेशानी से मुक्ति मिल गई। वह बैंक से वित्तीय लेनदेन कर इन लोगों का पैसा उनके घर पहुंचा देती हैं। शबाना अब तक पचपन लाख रुपये का बैंकिंग ट्रांजेक्शन कर अपने जनपद में अव्वल बीसी सखी बनी हैं।
बकौल शबाना, यह जानकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शाबासी दी और कहा कि आप बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं। ऐसे ही आगे बढते रहिए।
शबाना से संवाद के दौरान पीएम मोदी ने उनकी नौ माह की बिटिया सिदरा परवीन को खूब दुलारा। घर के अभिभावक की तरह गोद में उछाला, यह विश्वास दिखाते हुए कि हर परिस्थिति में वह उसके साथ हैं। सिर पर हाथ फेरकर आशीर्वाद दिया। साथ ही शबाना से बोले, आपकी यह गुडिया जीवन में खूब तरक्की करेगी, खूब आगे बढ़ेगी
महिलाओं के सम्मान, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता से जुड़े प्रयागराज के मंगलवार के कार्यक्रम की सहभागी बनकर शबाना की खुशी का ठिकाना नहीं है। महिलाओं के उत्थान को लेकर केंद्र व राज्य की सरकारों के कार्यों के बारे में सवाल करने पर बीसी सखी शबाना कहती हैं कि पीएम मोदी और सीएम योगी की मंशा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की है और इस दिशा में काम भी तेजी से हो रहा है। ऐसा नहीं होता तो मुझे भी इतने बड़े आयोजन में शामिल होने का, सीधे प्रधानमंत्री से बात करने का मौका नहीं मिलता। बकौल शबाना, महिलाओं को आगे बढाने के लिए जैसे काम हो रहे हैं, वैसे ही आगे होते रहे हो तो पूरा देश, पूरा प्रदेश और सभी लोग तरक्की की राह पर होंगे। शबाना को पीएम मोदी से संवाद का अवसर और प्रधानमंत्री की तरफ से प्रेरणा मिलने से उनके पति सिकन्दर भी खूब गदगद हैं।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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