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प्रादेशिक

प्रदेश सरकार गरीबों,मजदूरों एवं श्रमिकों के उज्जवल भविष्य के लिए संवेदनशील हैः सुनील भराला

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष (राज्य मंत्री) सुनील भराला में कारखानों, दुकानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों को परिषद द्वारा संचालित चेतन चैहान खेल प्रोत्साहन योजना का लाभ दिलाने के लिए तथा योजना के कुशल क्रियान्वयन हेतु सभी खेल संघों और संबंधित विभागों के साथ आज वर्चुअल बैठक की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार गरीबों,मजदूरों एवं श्रमिकों के उज्जवल भविष्य के लिए संवेदनशील है, इसीलिए उनके बच्चों को आधुनिक एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ खेलों के प्रति भी जागरूक कर उन्हें प्रोत्साहित कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी जी ने इसी को ध्यान में रखकर चेतन चैहान क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत लाभार्थी श्रमिकों के बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने पर एक लाख रुपये, राष्ट्रीय स्तर पर ₹50,000 राज्य स्तर पर ₹25,000 तथा जिला स्तर पर ₹10,000 देकर प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें ऐसे श्रमिकों के बच्चे पात्र होंगे, जिन श्रमिकों की मानसिक आमदनी ₹15,000 हो।

श्री भराला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी चेतन चैहान जी के नाम से शुरू की गई यह योजना पूरे प्रदेश में सुचारू रूप से संचालित हो सके,इसके लिए सभी खेल पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों को आगे आना होगा। श्रमिकों के बच्चे आगे बढ़े इसके लिए इस योजना के क्रियान्वयन में सभी ईमानदारी से प्रयास करें।उन्होंने परिषद के सचिव को निर्देशित किया कि योजना के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने में कोताही न बरती जाए। उन्होंने समस्त जनपदों में इस योजना के संबंध में पत्र जारी करने तथा ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।

उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ आनंदेश्वर पांडेय ने कहा कि श्रमिकों के लिए प्रदेश सरकार की यह योजना अन्य प्रदेशों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनेगी। उन्होंने कहा कि देश एवं प्रदेश का ओलंपिक संघ इन बच्चों को खेल से जोड़ने में पूरा सहयोग करेगा तथा इसमें प्रदेश के खेल संघ भी परस्पर सहयोग करेंगे।श्रमिक परिवार के बच्चों को खेल से जोड़ने, उनके सर्वांगीण विकास के लिए अहम कदम होगा। प्रतिकूल परिस्थितियों में जीवन संघर्ष करने वाले इन बच्चों की शारीरिक क्षमता भी खेलों के अनुकूल होती है।

वर्चुअल बैठक में अर्जुन अवॉर्डी श्री अशोक कुमार ध्यानचंद ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को सरकार की मदद मिलेगी तो निश्चित रूप से वे देश एवं प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। श्रमिकों के बच्चे विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं।सरकार की यह योजना उनके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी।इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक ने इस योजना के लिए विभागीय स्तर से ग्राम स्तर पर बनी क्लबो से सहयोग प्रदान करने, उप निदेशक युवा कल्याण श्री सी पी सिंह द्वारा ब्लॉक स्तर पर सहयोग करने की बात कहीं गई। क्षेत्रीय निदेशक भारतीय खेल प्राधिकरण श्री संजय सारस्वत ने कहा कि इस योजना से ‘फिट इंडिया और खेलो इंडिया’ की मुहिम को बल मिलेगा।

बैठक में परिषद के सचिव श्री फैसल आफताब, विशेष सचिव श्रम एस पी सिंह सेंगर, परिषद के सदस्य श्री अजीत जैन, विशेष आमंत्रित सदस्य श्री अनुज पाण्डेय एवं नमन भारद्वाज, नेहरू युवा केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक नंदकुमार सिंह, खेल निदेशक डॉ0 आर पी सिंह, भारतीय खेल प्राधिकरण लखनऊ के क्षेत्रीय निदेशक श्री संजय सारस्वत, उप श्रम आयुक्त अमित मिश्रा, युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक विभाग के उप निदेशक सीपी सिंह, खेल विभाग के उपनिदेशक एवं प्रधानाचार्य गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट कॉलेज लखनऊ श्री एस एस मिश्रा के साथ खेल संघों के अध्यक्ष एवं सचिवों ने प्रतिभाग किया।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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