प्रादेशिक
यूपी में सैनिक स्कूलों की संख्या दोगुनी करेगी योगी सरकार, हर मंडल में होगा स्कूल
लखनऊ। यूपी के सैनिक स्कूलों में पढ़ने का सपना संजोय छात्रों के लिए अच्छी खबर है। यूपी में सैनिक स्कूलों की संख्या दोगुना से अधिक होने जा रही है। इससे छात्रों का अनुशासन के साथ बेहतर शिक्षा हासिल करने का सपना पूरा होगा। यहां दाखिले उम्मीद लगाए छात्रों को भी बड़ी राहत मिलेगी। सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा यूपी में तीन स्कूलों का संचालन किया जा रहा है जबकि कैप्टन मनोज पांडे सैनिक स्कूल राज्य सरकार के अधीन है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में केंद्र सरकार के अनुमोदन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र के अनुमोदन के बाद सैनिक स्कूल खोलने में निजी स्कूलों की सहभागिता बढ़ाने से यूपी में सैनिक स्कूलों में संख्या में खासा इजाफा होगा। इससे दाखिला की राह आसान हो जाएगी।
रक्षा मंत्रालय की ओर से पूरे देश में 33 सैनिक स्कूल संचालित किए जाते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 100 सैनिक स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, एनईपी 2020 के पाठ्यक्रम के अनुरूप मंजूरी दी है। ये स्कूल निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की पहल के चलते अन्य राज्यों की अपेक्षा यूपी में सैनिक स्कूल की संख्या सबसे अधिक है। यूपी में रक्षा मंत्रालय द्वारा तीन सैनिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।
यूपी में अमेठी, झांसी, मैनपुरी में सैनिक स्कूल संचालित हो रहे है जबकि बागपत में सैनिक स्कूल का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा गोरखपुर में सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसके लिए सरकार ने 90 करोड़ रुपए का बजट भी पास कर दिया है। इसके अलावा लखनऊ में यूपी सैनिक स्कूल का संचालन किया जाता है, जो राज्य सरकार के अधीन है । यह देश का पहला सैनिक स्कूल है। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने देश भर में सैनिक स्कूलों का निर्माण कराया। यह सभी स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है।
हर मंडल में होगा सैनिक स्कूल
उत्तर प्रदेश में 18 मंडल है। आम बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश भर में 100 सैनिक स्कूल बनाए जाने की प्रस्ताव रखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर मंडल में एक सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है। सैनिक स्कूल में दाखिले के बाद छात्र कम फीस में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा हासिल करते हैं। ऐसे में योगी सरकार के प्रस्ताव से उन अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी जो अधिक फीस होने के चलते अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में नहीं पढ़ा पाते हैं। सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़ने से ऐसे अभिभावकों के बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल कर सकेंगे।
बेटियों का सेना में जाने का सपना होगा पूरा
सेना में जाने ख्वाब देख रही बेटियों के पंखों को योगी सरकार नई उड़ान देगी। यूपी के बजट में कैप्टन मनोज पाण्डेय सैनिक स्कूल सरोजनीनगर को विकसित किए जाने व उसकी क्षमता को दोगुना करने का प्रस्ताव पास किया गया है। खासकर बेटियों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार बालिका कैडेट के लिए 150 की क्षमता वाले छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
पिछड़े वर्ग के छात्रों को वित्तीय सहायता दे रही योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा और युवाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए विभिन्न योजनाओं को लागू किया जा रहा है। इसी दिशा में, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने हेतु दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना 2024-25 को संचालित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपनी शैक्षिक यात्रा को निर्बाध रूप से जारी रख सकें।
योगी सरकार ने शिक्षा को सशक्तिकरण का माध्यम मानते हुए प्रदेश के हर छात्र तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना, विशेष रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए, उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है। उच्च शिक्षा में आने वाली आर्थिक बाधाओं को दूर कर ही समाज के कमजोर वर्गों को मुख्य धारा में से जोड़ने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है।
योगी सरकार ने जारी की योजना की विस्तृत प्रक्रिया की समय-सारिणी
इस योजना की विस्तृत प्रक्रिया और समय-सारिणी भी जारी कर दी गई है। योजना के तहत सभी चरणों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा, ताकि छात्रों को शीघ्रता से लाभ पहुंचाया जा सके। योजना के तहत मास्टर डाटा सत्यापन और लॉक करने की प्रक्रिया 20 जनवरी को पूरी कर ली गई है। इसके बाद, 22 जनवरी यानि आज विश्वविद्यालयों, एफिलिएटिंग एजेंसियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा छात्रों की फीस और अन्य विवरणों का सत्यापन किया जाएगा। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी 25 जनवरी तक सभी डेटा की जांच पूरी करेंगे।
छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि 30 जनवरी निर्धारित की गई है। शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों के आवेदन का सत्यापन 3 फरवरी तक किया जाएगा। इस दौरान विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों के रिजल्ट और सीट सत्यापन भी होगा। 10 फरवरी तक राज्य एनआईसी द्वारा डेटा की स्क्रूटनी पूरी की जाएगी। इसके बाद 18 फरवरी तक जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति द्वारा डाटा को अंतिम रूप दिया जाएगा। 25 फरवरी तक निदेशालय स्तर से धनराशि का ट्रांसफर सुनिश्चित किया जाएगा।
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