प्रादेशिक
मात्र 6 सप्ताह में यूपी एसएमएफ का जारी हुआ रिजल्ट
लखनऊ। योगी सरकार सभी परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से कराने के साथ उनके परिणाम जल्द जारी करने के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी (यूपी एसएमएफ) के रिजल्ट जारी करने में नई प्रक्रिया को अपनाते हुए मात्र छह सप्ताह में सोमवार को रिजल्ट जारी कर दिए हैं। योगी सरकार की इस पहल से जहां कम समय अंतराल पर योग्य स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों को समय पर रोजगार मिलेगा वहीं वह विभिन्न आगामी अवसरों में निर्धारित समय सीमा में हिस्सा ले सकेंगे।
आम जनता की धारणा को करता है मजबूत
योगी सरकार की ओर से इस वर्ष अक्टूबर में उत्तर प्रदेश नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए शुरू की गई मिशन निरामया: महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राज्य के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल छात्र वैश्विक स्तर के छात्रों की तुलना में उनके बराबर हों। कार्यक्रम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए नर्सों और पैरामेडिक्स के महत्व को पहचानता है और न केवल शिक्षा के मानकों को ऊपर उठाने के लिए आवश्यक कदम उठाता है बल्कि नर्सिंग एवं पैरामेडिकल फ़ील्ड्स को लेकर आम जनता की धारणा को भी मजबूत करता है।
2 लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच को दो केंद्र किए गठित
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि रोजगार और आगे की शिक्षा के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं। उनमें से कुछ समयबद्ध हैं और देरी के कारण छूट जाती हैं। निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षाओं का सफल आयोजन सुनिश्चित करना न केवल उत्तर प्रदेश राज्य में उच्च स्तरीय चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी एक निश्चित कदम है कि उनके लिए सभी दरवाजे खुले रहें। इसके लिए समयबद्ध परीक्षा परिणाम सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कई कदमों के तहत प्रदेश के 500 से अधिक केंद्रों से प्राप्त 2 लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच को दो केंद्रों का गठन किया गया था। साथ ही सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से परिसर की लगातार निगरानी की जा रही थी। यही वजह है कि मात्र छह सप्ताह में यूपी एमएमएफ का रिजल्ट जारी किया जा सका।
IANS News
महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।
विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य
महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।
अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।
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