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प्रादेशिक

स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा प्रदेश के निबंधन कार्यालयों में पुनः पूर्व अपॉइंटमेंट व्यवस्था प्रारम्भ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण (कोविड-19) के तेजी से बढ़ते मामलों तथा संक्रमण से बचाव व नियंत्रण के दृष्टिगत प्रदेश के स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा प्रदेश के निबंधन कार्यालयों में पुनः पूर्व अपॉइंटमेंट व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। जिसके तहत एक कार्य दिवस में अधिक से अधिक 30 लेखपत्रों के पंजीकरण हेतु अपॉइंटमेंट दिए जाएंगे।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश के स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में राज्य की वित्तीय स्थिति एवं मानव जीवन की रक्षा एवं सुरक्षा के दृष्टि से निबंधन कार्यालय द्वारा निर्गत पूर्ववर्ती समस्त दिशा निर्देशों को अवक्रमित करते हुए समस्त जिलाधिकारी व मंडलायुक्त तथा समस्त उप सहायक निरीक्षक निबंधन को इस संबंध में दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं।

जायसवाल ने बताया कि व्यवहारिक पक्ष को देखते हुए निबंधन शुल्क 20,000 रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान यथासंभव ऑनलाइन ही स्वीकार किया जाएगा। इसके साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में स्थानीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए समय की उपलब्धता एवं सुरक्षा को ध्यान में रखकर यदि अपॉइंटमेंट के माध्यम से पंजीकृत किये जाने वाले विलेखों से अतिरिक्त समय उपलब्ध रहता है, तो उप निबंध द्वारा टोकन व्यवस्था के माध्यम से विलेखों का पंजीकरण किया जा सकेगा।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए महानिरीक्षक निबंधन डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि पूर्व अपॉइंटमेंट की व्यवस्था में किसी भी दशा में बिना पूर्व अपॉइंटमेंट के पंजीकरण के लिए कार्यालयों में पक्षकारों की उपस्थिति अनुमन्य नहीं होगी। उन्होंने यह भी बताया कि विलेख की तैयारी के पश्चात पक्षकारों को विलेख की जांच संबंधित कार्यालय के निबंधन सहायक द्वारा करानी होगी, जिससे आरक्षित समय में पक्षकारों के विलेख के निबंधन का कार्य सुगमता पूर्वक संपादित किया जा सके।

डॉ. जैकब ने बताया कि 9 जून, 2020 को इस संबंध में आदेश जारी किए गए थे, जिसके तहत राज्य में राजस्व वृद्धि तथा अधिक से अधिक आम जनों को पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराए जाने के दृष्टिगत लागू अनिवार्य अपॉइंटमेंट की व्यवस्था वैकल्पिक करते हुए अपॉइंटमेंट व्यवस्था के साथ-साथ बिना अपॉइंटमेंट की रजिस्ट्री निबंधित करने के निर्देश दिए गए थे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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