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उत्तर प्रदेश

उप्र: योगी के मंत्री संजय निषाद की मुश्किलें बढ़ीं, वारंट के बाद अब समन जारी

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लखनऊ/गोरखपुर। उप्र की योगी सरकार में मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। कसरवल कांड में जिला एवं सत्र न्यायालय गोरखपुर के सीजेएम कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी समन जारी कर दिया है।

मंगलवार की शाम समन लेकर आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स) बस्ती की टीम गोरखपुर आई और समन तामील कराया। टीम पादरीबाजार स्थित कैबिनेट मंत्री के आवास भी गई थी लेकिन मंत्री वहां नहीं मिले, लिहाजा समन उनके घर के बाहर दीवार पर चस्पा कर दिया।

गौरतलब है कि सरकारी नौकरी में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर वर्ष 2015 में संतकबीरनगर जिले के कसरवल में बवाल हुआ था। आंदोलनकारी व पुलिस-प्रशासन आमने-सामने आ गए थे। बवाल के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। इससे नाराज आंदोलनकारियों ने रेल ट्रैक बाधित कर दिया था। रेल की पटरियां उखाड़ दी गई थीं।

इस मामले में आरपीएफ बस्ती-संतकबीरनगर ने भी केस दर्ज किया था। इसकी सुनवाई गोरखपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में चल रही है। आरपीएफ बस्ती के इंस्पेक्टर एसके मिश्रा का कहना है कि डॉ. संजय को एमपी-एमएल कोर्ट में बुधवार को ही हाजिर होना है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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