प्रादेशिक
यूपीएसआईएफएस को मिलेगा स्टाफ, प्रतिनियुक्ति के लिए मांगे गए आवेदन
लखनऊ। आपराधिक मामलों की जांच वैज्ञानिक पद्धति से हो सके और इसके माध्यम से जल्द से जल्द केसेज का निस्तारण किया जा सके, इसके लिए योगी सरकार ने रिकॉर्ड समय में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (यूपीएसआईएफएस) की स्थापना की है। अब सरकार ने इंस्टीट्यूट की मैनपावर के लिए प्रशासनिक, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों पर प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र मांगे हैं। इसके लिए सरकारी संस्थानों, संगठनों (केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार) के कर्मचारी ही पात्र होंगे। इंस्टीट्यूट की ओर से कुल 66 पदों पर आवेदन मांगे गये हैं। इच्छुक अभ्यर्थी 29 मई तक आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर आवेदन से संबंधित जानकारी upsifs.org पर लॉगइन करके प्राप्त की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल ही में सरोजनी नगर स्थित यूपीएसआईएफएस में शैक्षणिक सत्र 2023-24 की प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत की थी।
21 पदों के लिए 66 लोगों की होगी नियुक्ति
उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज के डायरेक्ट डॉ. जीके गोस्वामी ने बताया कि फिलहाल इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक से संबंधित पांच कोर्स शुरू किए जा रहे हैं, जिसमें कुल 160 छात्रों का एडमिशन लिया जा रहा है। यह कोर्स बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस, पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट एग्जामिनेशन, पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी, पीजी डिप्लोमा इन डीएनए फॉरेंसिक और पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक बैलिस्टिक एवं एक्सप्लोसिव्स हैं। इन कोर्स के संचालन के लिए 21 पदों के लिए 66 रिक्त स्थानों पर आवेदन मांगे गये हैं। इन पदों में डिप्टी डायरेक्टर (2), एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (1), फाइनेंस ऑफिसर (1), असिस्टेंट रजिस्ट्रार (3), प्रोफेसर (3), एसोसिएट प्रोफेसर (5), असिस्टेंट प्रोफेसर (10), साइंटिफिक ऑफिसर (5), साइंटिफिक असिस्टेंट (2), असिस्टेंट लाइब्रेरियन (1), अकाउंट्स ऑफिसर (1), अकाउंटेंट (1), असिस्टेंट अकाउंटेंट (1), जूनियर असिस्टेंट (10), लेबोरेटरी असिस्टेंट (7), स्टेनोग्राफर (2), कंप्यूटर प्रोग्रामर (1), कंप्यूटर ऑपरेटर (3), रिकॉर्ड कीपर (2), कैंपस सुपरवाइजर (1) और सिक्योरिटी ऑफिसर (1) आदि शामिल हैं।
निजी संस्थाओं में कार्यरत कर्मी नहीं कर सकेंगे आवेदन
– इन पदों के लिए राज्य सरकार अथवा भारत सरकार के अधिकारी/ कर्मचारी जो निर्धारित वेतनमान में कार्यरत अथवा इससे ठीक एक पे लेवल नीचे कार्यरत अधिकारी/ कर्मचारी आवेदन करने हेतु पात्र होंगे। प्रतिनियुक्ति पर चयन होने की स्थिति में मूल विभाग में प्राप्त वेतनमान एवं ग्रेड पे ही देय होगा।
– वर्तमान में केन्द्र अथवा राज्य सरकार में कार्यरत शासकीय सेवक ही आवेदन हेतु पात्र होंगे। संविदा पर कार्यरत कर्मी/ निजी संस्थाओं में कार्यरत कर्मी आवेदन हेतु पात्र नहीं होंगे।
– आवेदक के अपने मूल विभाग में कार्यरत रहने पर ही उसका आवेदन स्वीकार किया जाएगा। प्रतिनियुक्ति पर पूर्व से कार्यरत अभ्यर्थियों का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
– प्रतिनियुक्ति पर तैनात किये गये अधिकारियों / कर्मचारियों को उप्र शासन द्वारा अपने राज्य अधिकारियों / कर्मचारियों के लिए स्वीकृत दरों पर विभिन्न भत्ते देय होंगे।
– प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारी / कर्मचारी की सेवा अवधि सामान्यतः 03 वर्ष की होगी तथा विशेष परिस्थितियों में इंस्टीट्यूट के जनरल बॉडी के अनुमोदन से इसे बढ़ाया अथवा घटाया जा सकता है।
– चयन / स्क्रीनिंग समिति के समक्ष उपस्थित होने के समय नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा।
– जिस आवेदकों की अधिवर्षता आयु दिनांक 01.07.2023 को 05 वर्ष से कम शेष रह गयी है, ऐसे अभ्यर्थी आवेदन हेतु पात्र नहीं होंगे।
– उप्र स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज उत्तर प्रदेश, लखनऊ में कार्यरत रहने की अवधि में राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित प्रतिनियुक्ति के पद की सेवा शर्तें लागू होंगी।
– जिस अधिकारी/ कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही/ विभागीय कार्यवाही गतिमान है, अथवा जांच में दोषी पाया गया हो, आवेदन हेतु अर्ह नहीं होंगे।
– फॉरेंसिक तथा उससे सम्बन्धित क्षेत्र में तथा विश्वविद्यालय/ कॉलेज/ इंस्टीट्यूट आदि में कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों को वरीयता दी जायेगी।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”
प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।
मिले सार्थक परिणाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।
लोगों को करेंगे जागरूक
कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।
04 श्रेणियों में होगा चयन
1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार
ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड
इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।
जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।
इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।
कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही
1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।
2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।
3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।
4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।
5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।
6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।
फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार
उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।
जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।
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